मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

रामचरित मानस के सात कांड

कल आपने पढ़ा कि रामाचरित मानस क्या है? गोस्वामी तुलसी दास जी ने इसकी रचना कब की? रामचरित मानस के अधिक लोकप्रिय होने का कारण क्या रहा? साथ ही रामचरितमानस में सात अध्याय यानी कांड है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि रामायण के किस कांड में राम के जीवन की कौन सी घटना का वर्णन है।
रामचरितमानस की में कुल सात अध्याय यानी कांड हैं।
1.बालकांड- इसमें रामचरितमानस मानस की भूमिका, राम के जन्म के पूर्व घटनाक्रम, राम और उनके भाइयों का जन्म, ताड़का वध, राम विवाह का प्रसंग आदि।
2. अयोध्या कांड- राम का वैवाहिक जीवन, राम को अयोध्या का युवराज बनाने की घोषणा, राम को वनवास, राम का सीता लक्ष्मण सहित वन में जाना, दशरथ की मौत आदि।
3. अरण्य कांड- राम का वन में संतों से मिलना, चित्रकुट से पंचवटी तक सफर, शुर्पनखा से युद्ध , सीता हरण।
4.किष्किंधा कांड- राम लक्ष्मण का सीता को खोजना, राम व सुग्रीव की मैत्री, बालि का वध, वानरों के द्वारा सीता की खोज।
5. सुन्दर कांड- हनुमान का समुद्र लांघना, विभीषण से मुलाकात, अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट, रावण के पुत्रों से हनुमान वाटिका में हनुमान का युद्ध हनुमान का वापस लौटना, हनुमान द्वारा राम को सीता का संदेश सुनाना, लंका पर चढ़ाई की तैयारी, वानरसेना का समुद्र तक पहुंचना, राम का समुद्र से रास्ता मांगना।
6. लंका कांड- नील द्वारा समुद्र पर सेतु बनाना, वानर सेना का समुद्र पार कर लंका पहुंचना, अंगद को शांति दूत बनाकर रावण की सभा में भेजना, राम व रावण की सेना में युद्ध, रावण व कुंभकरण द्वारा रावण का वध, राम का सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटना, अयोध्या में राम का राजतिलक।
7. उत्तर कांड- अयोध्या में रामराज्य, सीता को वनवास, लवकुश जन्म, राम के द्वारा अश्वमेघ यज्ञ, लव कुश से राम सेना का युद्ध, अयोध्या में लव कुश का रामायण गायन, राम का लवकुश और सीता से मिलना, सीता का धरती में समाना, राम द्वारा लक्ष्मण का त्याग, राम के द्वारा जलसमाधि लेना।

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