मंगलवार, 14 जून 2011

पूजा में भगवान को अबीर क्यों चढ़ाया जाता है?

पूजा से जुड़ी अनेक परंपराओं में से एक परंपरा है पूजन के समय गंध अर्पित करने की। चंदन, हल्दी, गुलाल व मेंहदी इन सभी को शास्त्रों के अनुसार गंध माना गया है। ऐसी मान्यता है कि पूजन के समय ये गंध अर्पित करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन सारे गंध में से सबसे श्रेष्ठ गंध अबीर को माना गया है।अबीर अभ्रक से प्राप्त होता है।
इसे अभ्रक भस्म भी कहा जाता है। भगवान की मूर्तियों पर अबीर चढ़ाने से मूर्तियां चमकती है और माना जाता है कि इससे भगवान के अंगों का तेज बढ़ता है। अबीर को पूजा में गुलाल के साथ सुगंधित द्रव्य व गंध के रूप में चढ़ाया जाता है। इसीलिए इसे भगवान का प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि अबीर को पूजन में पूरी श्रृद्धा के साथ चढ़ाकर भगवान से उनके ही समान तेज देने की प्रार्थना की जाती है तो उससे सभी अंग तेजस्वी बनते हैं।साथ ही रोग खत्म होकर शरीर स्वस्थ्य बनता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें