शनिवार, 31 जुलाई 2010

फ्रेंडशिप डे

जब फ्रेंड को बनाना हो वेलेंटाइन
एक दिन दोस्त के नाम, दोस्तों के नाम। दोस्ती हर किसी से नहीं की जा सकती मगर जिससे होती है उससे तोड़ी नहीं जा सकती। दोस्तों की फीलिंग्स को समझने का और उसे अपनी फीलिंग्स समझाने बस यही दिन है बाकी दिन तो आप और उनकी शरारते हैं, मस्ती है और रूठना-मनाना है।

कई बार ऐसा भी तो होता है कि फ्रेंडशिप डे के दिन ही एक दूजे से लड़-झगड़ बैठें हो। इस दिन यूँ तो बिंदास जीना चाहिए मगर कुछ एटिकेट्स दोस्तों के साथ भी बरतना चाहिए। अगर आपकी दोस्त लड़की है और यह फ्रेंडशिप थोड़ी और आगे बढ़ाने के बारे में आप सोच रहे हैं तो बी केयरफुल। वैलेंटाइन डे तक की तैयारी आज ही करनी होगी।

न लेट न शो ऑफ
अगर आपने उसे कहीं मिलने बुलाया है तो उससे पहले पहुँच कर इंतजार करें। वह खुद चाहे भले ही घंटा भर देरी से पहुँचे। आप टाइम पर ही पहुँचें। यानी ना तो आप लेट हों, ना ही ऐसा शो ऑफ करें कि अपने पच्चीस काम छोड़कर आप वहाँ पहुँचे हैं। ओवर स्मार्ट बनने और खुद की तारीफों के पुल बाँधने वाले लड़के, लड़कियों को बिल्कुल पसंद नहीं आते। चाहे वह आपकी खूब अच्छी दोस्त हो लेकिन उसके आगे डिंगे ना हाँके और हल्की मजाक तो बिलकुल ना करें।

न कुर्ता न टाई
आप पर जो सूट करें, वही ड्रेस पहनें। इंफॉर्मल लुक के चक्कर में कुर्ता-पायजामा पहन कर ना चले जाएँ ना ही फैशन के चक्कर में फनी सा कुछ पहन लें। लड़कियों को स्मार्ट, रफ एंड टफ और कॉन्फिडेंट लड़के पसंद आते हैं। स्ट्रॉन्ग परफ्यूम से आपके बारे में इम्मेच्योर छवि बन सकती है। अगर दोस्ती नई-नई हो तो टाई का प्रयोग तो कतई ना करें। घर जाकर उसका हँस-हँस कर बुरा हाल हो जाएगा।
न शर्म न बेशर्म
ठीक है कि वह आपकी दोस्त है और आप उसे कुछ भी कह सकते हैं लेकिन अगर उसकी वेलेंटाइन बनने की संभावना बन रही है तो अपने घटिया और फूहड़ जोक्स पर कंट्रोल करें। बिल्कुल ही खुलकर बीहेव ना करें। लेकिन इसके विपरीत बहुत ज्यादा शर्माने से भी बात बिगड़ सकती है। अपनी दोस्त के साथ एकदम सहज रहें।

लड़कियों को झिझकने वाले या इधर-उधर की बातें करने वाले लड़के भी पसंद नहीं आते। इसलिए स्ट्रेट फॉरवर्ड रहें और शर्माएँ नहीं। हालाँकि प्रपोज तो आज आपको करना नहीं है बस फ्रेंडशिप ही पक्की करनी है तो प्लीज बिना मतलब शर्माएँ नहीं। आप अच्छी भली दोस्त भी गवाँ बैठेंगे।

नो टाइम लिमिट नो फालतु
फ्रेंडशिप डे का दिन है और आप बार-बार घड़ी देखें तो बनती बात बिगड़ सकती है। अगर इतनी ही जल्दी है तो मिलने का प्रोग्राम क्यों बनाया? कई बार दिल में कुछ और चल रहा होता है इसलिए भी घबराहट के मारे ऐसा कुछ हो सकता है। लेकिन आपको सलाह है कि घबराएँ नहीं। अपने आप पर नियंत्रण रखें। जल्दबाजी से वह आपके बारे में यह सोच सकती है कि आपको उसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है।

अगर आपने तीन घंटे से ज्यादा साथ गुजार लिए हैं और कोई टॉपिक बात करने को नहीं बचा है तो फिर बिना मतलब उसे न रोकें। बस साथ बैठे रहने के लिए तो बिल्कुल नहीं। इससे यह खतरा है कि वह आपको फालतु समझ लेगीं।

फ्रेंडशिप डे पर अपने लिए वेलेंटाइन तलाश रहे हैं तो आज अपने हाव-भाव, गलत विचार आदि पर कड़ा नियंत्रण रखें। चाहे आप वेलेंटाइन के रूप में उसका सिलेक्शन ना बनें लेकिन एक सभ्य, शिष्ट दोस्त के रूप में वह आपको कभी नहीं खोना चाहेगी।

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