हिन्दू धर्म में ग्रह-नक्षत्र भी देवता के रूप में पूजनीय है। खासतौर पर ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक कुण्डली में ग्रहों के अच्छे या बुरे प्रभाव इंसान के सुख-दु:ख नियत करते हैं। इसलिए देव उपासना की परंपराओं में हर दिन अलग-अलग ग्रहों की पूजा से ग्रहदोष शांति का महत्व बताया गया है।
इसी परंपरा में मंगलवार के दिन मंगल देव की पूजा से जीवन में आने वाली अनेक परेशानियों को दूर करने का महत्व है। क्रूर ग्रह मंगल की पूजा का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहसी बनाता है, वहीं रोग, शोक, बाधाओं को भी दूर कर देता है।
मंगलवार के दिन मंगल पूजा या ग्रह दोष शांति के उपायों में यहां बताया जा रहा मंगल मंत्र नीचे लिखी कामनाओं की पूर्ति या परेशानियों को दूर करने के लिए बहुत की शुभ माना गया है -
- भूमि या घर प्राप्ति
- विवाह में विलंब
- पुत्र कामना
- धन प्राप्ति
- लंबी आयु
- कर्ज से छुटकारा
- शत्रु बाधा
- योग्य जीवनसाथी की कामना
- सम्मान और प्रसिद्धि की कामना
- मंगल दोष शांति
- बीमारियों से छुटकारा
- ग्रह दोष से छुटकारा
- ऐश्वर्य की कामना
- मनचाही कामना सिद्धि
- विद्या प्राप्ति
- विघ्र-बाधाओं से छुटकारा
- नवग्रह दोष शांति
- धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को पाने की कामना
मंगल मंत्र - ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
शास्त्रों में मंगल ग्रह की प्रतिमा की लाल सामग्रियों (लाल चंदन, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, लाल अनाज, लाल रंग की फल या मिठाई का भोग आदि) से पूजा के बाद इस मंत्र का लाल आसन पर बैठ 40000 हजार संख्या में रुद्राक्ष माला से जप कामनासिद्धि करने वाला बताया गया है।
बच्चों की मासिक पत्रिका भोपाल से प्रकाशित , सम्पादक -अरुण बंछोर, उपसंपादक -ओमप्रकाश बंछोर
बुधवार, 27 जून 2012
मुल्तानी मिट्टी से ऐसे निखारे चेहरे की रंगत
कहा जाता है कि मुल्तानी मिट्टी सौन्दर्य का खजाना है। ये नेचुरल कंडीशनर भी है और ब्लीच भी। ये सौन्दर्य निखारने का सबसे सस्ता और आयुर्वेदिक नुस्खा है आइए आज हम आपको बताते हैं मुल्तानी मिट्टी के कुछ ऐसे प्रयोग जो आपकी खूबसूरती को ओर ज्यादा निखार देंगे।
- आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है। - अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें। - मुंहासों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं। - तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। यह तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है। - मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियां हैं तो गुनगुने पानी में और गर्मियों में ठन्डे पानी से सिर को धो लें। बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे।
- आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है। - अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें। - मुंहासों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं। - तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। यह तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है। - मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाए तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर सर्दियां हैं तो गुनगुने पानी में और गर्मियों में ठन्डे पानी से सिर को धो लें। बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे।
भगवान की पूजा में रखनी चाहिए ये सावधानियां
सामान्यत: पूजा हम सभी करते हैं परंतु पूजा के दौरान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना और उनका पालन करना अतिआवश्यक है। इन छोटी-छोटी बातों का पालन करने से भगवान जल्द ही प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। यह बातें इस प्रकार हैं-
देवताओं पर बासी फूल और जल कभी नहीं चढ़ाएं।
- सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु- यह पंचदेव कहे गए हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में करनी चाहिए।
घर में मूर्तियों की चल प्रतिष्ठा करनी चाहिए और मंदिर में अचल प्रतिष्ठा।
मूर्ति, लकड़ी, पत्थर या धातु की स्थापित की जानी चाहिए।
- फूल चढ़ाते समय पुष्प का मुख ऊपर की ओर रखना चाहिए।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)