प्रत्येक दिवस तथा तिथि किसी विशेष देवता को समर्पित रहती है। उस तिथि को उस देव की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से विशेष लाभ होता है तथा मनोवांछित फल मिलता है। ग्रंथों के अनुसार यह सभी देवता भगवान शंकर के ही रूप हैं। इस तरह यह पूजा भगवान शंकर को ही अर्पित रहती है।
सभी दिवसों तथा तिथियों के स्वामी भगवान शंकर को श्रावण मास विशेष प्रिय है। इस मास में हर दिन शिव का विशेष तरीके से पूजन करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। श्रावण शुक्ल षष्ठी तिथि शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। अत: श्रावण शुक्ल पक्ष के छठे दिन भगवान शंकर एवं कार्तिकेय का पूजा एक साथ करने से जन्मों-जन्मों का पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा करने से धन, वैभव व पुत्र की प्राप्ति होती है।
सभी दिवसों तथा तिथियों के स्वामी भगवान शंकर को श्रावण मास विशेष प्रिय है। इस मास में हर दिन शिव का विशेष तरीके से पूजन करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। श्रावण शुक्ल षष्ठी तिथि शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। अत: श्रावण शुक्ल पक्ष के छठे दिन भगवान शंकर एवं कार्तिकेय का पूजा एक साथ करने से जन्मों-जन्मों का पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा करने से धन, वैभव व पुत्र की प्राप्ति होती है।