सोमवार, 30 अगस्त 2010

जैरी भाग, टॉम आया

टॉम हो या जैरी, दोनों एक-दूसरे के पीछे पड़े रहते हैं। दोनों किसी का कुछ बिगाड़ना नहीं चाहते, बस, छीनना चाहते हैं, तो एक-दूजे का सुकून। यानि बस तंग करना ही मकसद है। इनके खेल बड़े मज़ेदार होते हैं। आपको भी पंसद हैं न। तो चलिए, कुछ जानते हैं इनके बारे में -

गर्मी के दिन थे। जैरी अपने घर में चादर ओढ़े आराम से सो रहा था। तभी उसके नाक में पनीर की खुशबू ने प्रवेश किया। पनीर उसे बहुत पसंद था, वह पलंग से उछल पड़ा और उस दिशा में चल पड़ा, जहां से खुशबू आ रही थी। अपने घर के छोटे-से दरवाजे से निकलते ही उसे सामने पनीर का एक बड़ा टुकड़ा दिखाई दिया। वह खुशी से उछल पड़ा, हुररर्र्..। उसके मुंह से लार टपकने लगी। जैसे ही उसने टुकड़े की ओर हाथ बढ़ाया, वैसे ही पीछे से टॉम ने उसे पकड़ लिया। जैरी समझ गया था कि टॉम ने ही उसे पनीर का लालच देकर फंसाया है। टॉम ने जैसे ही जैरी को खाने के लिए अपना मुंह खोला, जैरी ने उसके मूंछों के बालों को ज़ोर से खींच दिया। दर्द के कारण जैरी के हाथों से टॉम छूट गया। जैरी भागा और टॉम भी उसके पीछ-पीछे भागा। इस तरह फिर से शुरू हो गया चूहे-बिल्ली का वह खेल, जिसके करोड़ो बच्चे दीवाने हैं।

टॉम एंड जैरी का जन्म

जोसफ बारबेरा बैंकिंग हमेशा कागज़ों पर आड़ी-तिरछी लकीरें खींचकर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश किया करते थे। हालांकि, उनका मकसद बैंकिंग के क्षेत्र में काम करने का था लेकिन उनको काटरून बनाने का भी काफी शौक था। उनके काटरून जल्द ही पत्र-पत्रिकाओं में छपने भी लगे। 1930 के दशक के आखिरी में मैट्रो गोल्डवेन मेयर फिल्म स्टूडियो में उनकी मुलाकात हाना से हुई। इसी मुलाकात में दोनों ने एक ऐसा कार्टून सीरियल बनाने का सोचा, जो एक घरेलू बिल्ली और एक चूहे के बीच लगातार चलने वाली दुश्मनी पर केन्द्रित हो। इसी सोच के साथ उन्होंने टॉम एंड जैरी काटरून पात्रों को छोटे पर्दे पर साकार किया।
जोसेफ-हाना की जोड़ी ने 17 साल के सफर में टॉम एंड जैरी सीरीज़ के लिए सात ऑस्कर पुरस्कार हासिल किए और कुल 14 बार इन्हें पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।

मज़ेदार है चूहे-बिल्ली की यह खेल

एक शरारती चूहा और एक खुराफाती बिल्ली, अगर एक ही घर में हों, तो दिलचस्प घटनाओं की भरमार हो जाती है। टॉम एंड जैरी के द्वारा एक दूसरे का पीछा करने और आपसी लड़ाई में हास्यास्पद भिड़ंत शामिल है। इसी कारण 70 सालों से लेकर आज तक यह दुनियाभर में न केवल बच्चों द्वारा बल्कि उनके अभिभावकों द्वारा भी पसंद किया जाता है। भारत में इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि टॉम एंड जैरी के कार्यक्रम हिंदी के साथ ही अंग्रेजी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में भी प्रसारित किए जाते हैं।

आखिर यह भाग-दौड़ क्यों?

प्रत्येक कार्टून फिल्म की कहानी आमतौर पर जैरी को पकड़ने के लिए टॉम के अनगिनत प्रयासों और उसके कारण हुई हाथापाई और दौड़ा-भागी पर आधारित होती है। इनको देखकर यह समझना मुश्किल है कि आखिर ?यों टॉम, जैरी का इतना अधिक पीछा करता है। काटरून को देखकर जो अंदाज़ा लगाया जा सकता है, उसके हिसाब से कुछ कारणों में एक बिल्ली का एक चूहे के साथ बैर, अपने मालिक के आदेश का पालन, टॉम को सौंपे गए कार्यों को जैरी द्वारा बिगाड़ने की कोशिश, जैरी द्वारा टॉम के मालिक का भोजन खा जाना, जिसकी निगरानी का जिम्मा टॉम को सौंपा गया है, दूसरे को चिढ़ाने की भावना, जेरी द्वारा टॉम के अन्य संभावित शिकारों (जैसे कि बतख, चिड़िया या मछली) को खाए जाने से बचाना, दूसरी बिल्ली से प्रतिस्पर्धा आदि शामिल हैं।

थोड़ी तकरार-थोड़ा प्यार

ऐसा नहीं है कि यह जोड़ी हमेशा लड़ाई ही करती रहती है, कभी-कभी ये दोनों वास्तव में एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह व्यवहार करते भी दिखाई देते हैं। ‘जैरी एंड द लॉयन’ में जब जेरी को एक शरारत सूझती है और वह मरने का नाटक करने लगता है, जिससे कि टॉम यह सोचे कि उसने जैरी को गोली मार दी है। जैरी को लेटा देखकर टॉम प्राथमिक चिकित्सा किट लेकर दौड़ता हुआ आता है। इससे पता चलता है कि टॉम और जैरी में तकरार के बाद भी प्यार छिपा हुआ है। साथ ही दिलचस्प बात यह है कि कई सारे चित्रों में भी टॉम तथा जैरी एक दूसरे पर मुस्कुराते हुए दिखाए गए हैं, जो प्रत्येक काटरून में दूसरे पर प्रदर्शित अत्यधिक झुंझलाहट के बजाय प्यार-तकरार का रिश्ता अंकित करता है।
जैरी की चालाकी और किस्मत की वजह से टॉम शायद ही कभी जैरी को पकड़ने में सफल हो पाएगा, लेकिन इतना तो अवश्य है कि इन दोनों के दौड़-भाग का यह खेल हमेशा लोगों को गुदगुदाता रहेगा।

टॉम एंड जेरी कौन हैं?

टॉम का असली नाम थॉमस है, जो कि नीली-स्लेटी आंखों वाला ब्रिटिश घरेलू बिल्ला है। जैरी भूरे रंग का छोटा-सा चूहा है। शुरुआती कहानियों में टॉम का नाम जैस्पर और जैरी का जिं?स था। टॉम को गुस्सा जल्दी आता है, जबकि जैरी अवसरवादी और खुशदिल है।

वैसे तो कहा जाता है कि बिल्लियां बड़ी चालाक होती हैं, लेकिन टॉम और जैरी की कहानी में टॉम की हर फुर्ती को जैरी का दिमाग बड़ी आसानी से हरा देता है। हालांकि, हर कहानी में जीत जैरी की होती है लेकिन कहीं अगर जैरी अपनी सीमाएं तोड़ देता है, या कहीं किसी बुराई का साथ दे बैठता है, तो टॉम की विजय भी होती दिखाई देती है।

मनोविज्ञानी कहीं-कहीं इस चूहे-बिल्ली की कहानी को महज़ शरारत नहीं मानते। यह दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कहानी भी बन जाती है। उनका कहना है कि बच्चों को सिर्फ शो का मज़ा लेना चाहिए। किसी भी तरह से ऐसे खेलों को अपने दोस्तों या बच्चों के साथ नहीं खेलना चाहिए। टॉम एंड जैरी के खेल काल्पनिक हैं, इनकी नकल करना घातक हो सकता है।
sabhar dainik bhaskar