कैसे बढ़ जाएगी पति की उम्र, चंद्रमा की पूजा से
जिन त्योहारों और परंपराओं को कभी धर्म-अध्यात्म के आधार पर ही अपना लिया जाता था, आज उन्हीं पर गहरी वैज्ञानिक रिसर्च की जा रही है। सुबह जल्दी उठने की परंपरा हो या सूर्य और पीपल को जल चढ़ाने की मान्यता, सब के पीछे कोई न कोई सूक्ष्म वैज्ञानिक कारण अवश्य ही होता है। जब इन प्राचीन मान्यताओं और परम्पराओं के बारे में वैज्ञानिक आधार पर गहरी खोजबीन करते हैं तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।
ताज्जुब इस बात का होता है कि जिस समय इन परंपराओं को बनाया गया था, तब आज के जैसी आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं और उपकरण आदि थे ही नहीं। बगैर किसी मशीनी उपकरण या यंत्र के बड़े- बड़े रहस्यों से पर्दा उठाना बड़े ही आश्चर्य का विषय है। ऐसी ही कौतुकभरी परंपराओं में एक परम्परा है, चंद्रमा की पूजा करने की। चंद्रमा जो कि पृथ्वी का उपग्रह है, उसमें ऐसा क्या खास है कि उसको देवता मानकर उसकी पूजा की जाए।
करवा चौथ भारतीय स्त्रियों के लिये बड़ा ही महत्वपूर्ण पर्व तथा अवसर होता है। पत्नियों की ऐसी दृढ़ मान्यता होती है कि चंद्रमा की पूजा करने और कृपा प्राप्त करने से उनके पति की उम्र मथा सुख-समृद्धि में इजाफा होता है। तो आइये जाने उन आध्यात्मिक कारणों को जो चंद्रमा की पूजा के पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण हैं..
- चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होने के कारण, पृथ्वीवासियों को बड़ी गहराई से प्रभावित करता है।
- चंद्रमा से निकलने वाले सूक्ष्म विकिरण इंसान को शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर असर डालते हैं।
- करवाचौथ या महीने की अन्य चतुर्थी के दिन चंद्रमा की कलाओं का प्रभाव विशेष असर दिखाता है। इसलिये इस दिन की पूजा से विशेष लाभ होता है।
- चंद्रमा को जल चढ़ाते समय, चंद्रमा की किरणें पानी से परावर्तित होकर साधक को आश्चर्यजनक मनोबल प्रदान करती हैं।
- चंद्रमा मन का देवता होने के कारण मन को सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास से भर देता है।
जिन त्योहारों और परंपराओं को कभी धर्म-अध्यात्म के आधार पर ही अपना लिया जाता था, आज उन्हीं पर गहरी वैज्ञानिक रिसर्च की जा रही है। सुबह जल्दी उठने की परंपरा हो या सूर्य और पीपल को जल चढ़ाने की मान्यता, सब के पीछे कोई न कोई सूक्ष्म वैज्ञानिक कारण अवश्य ही होता है। जब इन प्राचीन मान्यताओं और परम्पराओं के बारे में वैज्ञानिक आधार पर गहरी खोजबीन करते हैं तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।
ताज्जुब इस बात का होता है कि जिस समय इन परंपराओं को बनाया गया था, तब आज के जैसी आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं और उपकरण आदि थे ही नहीं। बगैर किसी मशीनी उपकरण या यंत्र के बड़े- बड़े रहस्यों से पर्दा उठाना बड़े ही आश्चर्य का विषय है। ऐसी ही कौतुकभरी परंपराओं में एक परम्परा है, चंद्रमा की पूजा करने की। चंद्रमा जो कि पृथ्वी का उपग्रह है, उसमें ऐसा क्या खास है कि उसको देवता मानकर उसकी पूजा की जाए।
करवा चौथ भारतीय स्त्रियों के लिये बड़ा ही महत्वपूर्ण पर्व तथा अवसर होता है। पत्नियों की ऐसी दृढ़ मान्यता होती है कि चंद्रमा की पूजा करने और कृपा प्राप्त करने से उनके पति की उम्र मथा सुख-समृद्धि में इजाफा होता है। तो आइये जाने उन आध्यात्मिक कारणों को जो चंद्रमा की पूजा के पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण हैं..
- चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होने के कारण, पृथ्वीवासियों को बड़ी गहराई से प्रभावित करता है।
- चंद्रमा से निकलने वाले सूक्ष्म विकिरण इंसान को शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर असर डालते हैं।
- करवाचौथ या महीने की अन्य चतुर्थी के दिन चंद्रमा की कलाओं का प्रभाव विशेष असर दिखाता है। इसलिये इस दिन की पूजा से विशेष लाभ होता है।
- चंद्रमा को जल चढ़ाते समय, चंद्रमा की किरणें पानी से परावर्तित होकर साधक को आश्चर्यजनक मनोबल प्रदान करती हैं।
- चंद्रमा मन का देवता होने के कारण मन को सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास से भर देता है।