संसार में कई महापुरुष हुए जिन्होंने दुनिया में सत्य का प्रकाश फैलाया। महापुरुषों की हर बात के पीछे एक उद्देश्य होता है। हमें उस बात पर न टिक कर उसके अर्थ को समझना चाहिए तथा उसका अनुसरण करना चाहिए।
गुरुनानकजी एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में एक गांव आया। किसी ने गुरुनानकदेव से कहा कि यह गांव बदमाशों का गांव है। गुरुदेव जब वहां रुके तो वहां के लोग उन्हें प्रणाम करने आए। गुरुनानकजी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि यही बस जाओ। सबको अच्छा लगा। फिर गुरुनानकजी आगे चले तो एक दूसरा गांव आया तो किसी ने बताया कि यहां के लोग बड़े सज्जन व विद्वान है। वहां के लोग भी गुरुनानक के दर्शन करने आए तो गुरुनानक ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उजड़ जाओ।
सबको बड़ा आश्चर्य हुआ कि ये कैसा आशीर्वाद दिया गुरुजी ने । थोड़ी देर बाद उनके एक शिष्य ने गुरुनानकदेवजी से पूछा कि आपने बुरे लोगों को तो कहा कि यही बस जाओ और भले लोगों को उजडऩे का आशीर्वाद क्यों दिया? तो गुरुनानकदेव बोले- बुरे लोग जहां भी जाएँगे बुराई ही फैलाएंगे और भले लोग जहां भी जाएंगे सत्य का प्रकाश ही फैलाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह आशीर्वाद दिया।
गुरुनानकजी एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में एक गांव आया। किसी ने गुरुनानकदेव से कहा कि यह गांव बदमाशों का गांव है। गुरुदेव जब वहां रुके तो वहां के लोग उन्हें प्रणाम करने आए। गुरुनानकजी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि यही बस जाओ। सबको अच्छा लगा। फिर गुरुनानकजी आगे चले तो एक दूसरा गांव आया तो किसी ने बताया कि यहां के लोग बड़े सज्जन व विद्वान है। वहां के लोग भी गुरुनानक के दर्शन करने आए तो गुरुनानक ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उजड़ जाओ।
सबको बड़ा आश्चर्य हुआ कि ये कैसा आशीर्वाद दिया गुरुजी ने । थोड़ी देर बाद उनके एक शिष्य ने गुरुनानकदेवजी से पूछा कि आपने बुरे लोगों को तो कहा कि यही बस जाओ और भले लोगों को उजडऩे का आशीर्वाद क्यों दिया? तो गुरुनानकदेव बोले- बुरे लोग जहां भी जाएँगे बुराई ही फैलाएंगे और भले लोग जहां भी जाएंगे सत्य का प्रकाश ही फैलाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह आशीर्वाद दिया।
yeh site koi kam ki nahi lagi
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