मंदिर जाकर हर व्यक्ति मानसिक शांति महसूस करता है। इसीलिए लोग सुबह और शाम दोनों समय मंदिर जाते हैं। लेकिन मंदिर के दर्शन के समय के भी कुछ नियम हमारे धर्मशास्त्रों में बताए गए हैं। जिनका पालन मंदिर में दर्शन करते समय अनिवार्य माना गया है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन करते हुए यदि दर्शन ना किए जाए तो दर्शन का पूरा फल नहीं मिलता है।
-शरीर पर धारण की हुई चमड़े की वस्तुएं उतार दें ।
- मंदिर के प्रांगणमें जूते-चप्पल पहनकर न जाएं उन्हें मंदिर के बाहर ही उतारें। मंदिर के प्रांगण अथवा देवालय के बाहर जूते-चप्पल उतारने ही पड़े, तो देवता की दाहिनी ओर उतारें।
- मंदिर में व्यवस्था हो, तो पैर धो लें।
- हाथमें जल लेकर अपवित्र: पवित्रो:, ऐसा तीन बार बोलते हुए अपने संपूर्ण शरीरपर तीन बार जल छिडकें ।
- मंदिर में जाएं तो सिर जरूर ढकें। दर्शन के लिए जाते समय पुरुष भक्तजनोंको टोपी तथा स्त्रीभक्तोंको पल्लूसे अपने सिरको ढकना चाहिए ।
- मंदिर के प्रवेशद्वार व गरुडध्वजको नमस्कार करें।
-भगवान के दर्शन हमेशा बैठकर करें।
-शरीर पर धारण की हुई चमड़े की वस्तुएं उतार दें ।
- मंदिर के प्रांगणमें जूते-चप्पल पहनकर न जाएं उन्हें मंदिर के बाहर ही उतारें। मंदिर के प्रांगण अथवा देवालय के बाहर जूते-चप्पल उतारने ही पड़े, तो देवता की दाहिनी ओर उतारें।
- मंदिर में व्यवस्था हो, तो पैर धो लें।
- हाथमें जल लेकर अपवित्र: पवित्रो:, ऐसा तीन बार बोलते हुए अपने संपूर्ण शरीरपर तीन बार जल छिडकें ।
- मंदिर में जाएं तो सिर जरूर ढकें। दर्शन के लिए जाते समय पुरुष भक्तजनोंको टोपी तथा स्त्रीभक्तोंको पल्लूसे अपने सिरको ढकना चाहिए ।
- मंदिर के प्रवेशद्वार व गरुडध्वजको नमस्कार करें।
-भगवान के दर्शन हमेशा बैठकर करें।
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