सोमवार, 27 जून 2011

मृत व्यक्ति के मुंह मे जरूर डालना चाहिए तुलसी के पत्ते क्योंकि....


हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद मृतक का दाह संस्कार किया जाता है अर्थात मृत देह अग्नि को समर्पित किया जाता है। दाह संस्कार के समय कपाल क्रिया भी की जाती है। लेकिन दाह संस्कार के पूर्व भी हमारे यहां मृत्यु से जुड़े अनेक रिवाज है। जिन्हें अनिवार्य माना गया है। ऐसा ही एक रिवाज है। मृत व्यक्ति के मुंह में तुलसी के पत्ते डालने का? मृतक का सिर दक्षिण में रखा जाता है तथा पैर उत्तर दिशा में रखे जाते हैं।
इस प्रकार लिटाएं जाने के बाद मृतक के मुख में गंगाजल और तुलसीदल डाला जाता है। तुलसीदल के गुच्छे से मृत व्यक्ति के कानों और नासिकाओं को बंद कर दिया जाता है। गरूड़पुराण के अनुसार ऐसा करने से मृत आत्मा को शीघ्र ही मोक्ष मिलता है। मृत्यु के बाद कुछ समय के लिए जीव की सूक्ष्म देह परिजनो के आस-पास ही घूमती रहती है।
मान्यता है कि जीवात्मा बारह दिन के लिए अंगुष्ठ के आकार की होती है और बारह दिन के पिंडदान करने से जीवात्मा को मोक्ष मिलता है। कहते हैं उससे प्रक्षेपित रज-तम तरंगें इस विधि को करने से परिजनों तक नहीं पहुंचती। इससे जीवात्मा की तरफ सकारात्मक तरंगें आकर्षित होती है वउन्हें शीघ्र ही मुक्ति मिलती है।
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