तब मंथरा ने कहा राजा के पास दो वरदान तुम्हारी धरोहर है। आज उन्हें राजा से मांगकर अपनी छाती ठंडी करो। पुत्र को राज्य और राम को वनवास दो अपनी सौत का सारा आनंद तुम ले लो। जब राजा राम की सौगंध खा ले तब वर मांगना, जिससे राजा वचन को टाल ना पाए। मंथरा ने रानी से कहा तुम कोप भवन में जाओ।
सब काम बड़ी सावधानी से करना। राजा दशरथ की बातों में मत आना। कैकयी कोप का सब साज सजाकर जा सोई। राजमहल और नगर में धूम-धाम मच रही है। सभी लोग खुश हैं। राजद्वार पर बहुत भीड़ हो रही है। राजा दशरथ जब शाम के समय कैकयी के महल में गए। तब उन्हें पता चला कि रानी कोप भवन में है।
कोप भवन का नाम सुनकर राजा सहम गए। डर के मारे उनके पांव आगे नहीं बढ़ रहे थे। राजा डरते-डरते अपनी प्यारी रानी के पास गए। उसकी दशा देखकर उन्हें बड़ा दुख हुआ। राजा ने कैकयी के पास जाकर पूछा - तुम किस लिए रूठी हुई हो। यह कहकर राजा ने कैकयी को स्पर्श किया तब कैकयी ने उनके हाथ को झटक दिया। वह राजा की तरफ इस तरह देखने लगी माने को क्रोध से भरी नागिन हो। राजा उसे समझाने लगे। वे बोले कैकयी जब तक मेरे पुत्र हैं तब तक मेरे प्राण हैं। अगर मेरे मन में थोड़ा सा भी छल हो तो मेरे प्राण चले जाएं। मुझे राम की सौगंध है। तब कैकयी ने राजा से कहा आप हमेशा कहते हैं कि कुछ मांग-मांग पर देते कुछ नहीं है। आपने दो वरदान देने को कहा था उनके मिलने में संदेह है।
सब काम बड़ी सावधानी से करना। राजा दशरथ की बातों में मत आना। कैकयी कोप का सब साज सजाकर जा सोई। राजमहल और नगर में धूम-धाम मच रही है। सभी लोग खुश हैं। राजद्वार पर बहुत भीड़ हो रही है। राजा दशरथ जब शाम के समय कैकयी के महल में गए। तब उन्हें पता चला कि रानी कोप भवन में है।
कोप भवन का नाम सुनकर राजा सहम गए। डर के मारे उनके पांव आगे नहीं बढ़ रहे थे। राजा डरते-डरते अपनी प्यारी रानी के पास गए। उसकी दशा देखकर उन्हें बड़ा दुख हुआ। राजा ने कैकयी के पास जाकर पूछा - तुम किस लिए रूठी हुई हो। यह कहकर राजा ने कैकयी को स्पर्श किया तब कैकयी ने उनके हाथ को झटक दिया। वह राजा की तरफ इस तरह देखने लगी माने को क्रोध से भरी नागिन हो। राजा उसे समझाने लगे। वे बोले कैकयी जब तक मेरे पुत्र हैं तब तक मेरे प्राण हैं। अगर मेरे मन में थोड़ा सा भी छल हो तो मेरे प्राण चले जाएं। मुझे राम की सौगंध है। तब कैकयी ने राजा से कहा आप हमेशा कहते हैं कि कुछ मांग-मांग पर देते कुछ नहीं है। आपने दो वरदान देने को कहा था उनके मिलने में संदेह है।
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