घर में कभी कबाड़ा एकत्रित नहीं होने देना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आती है। वास्तु के अनुसार भी घर में कबाड़ का इकट्ठा होना अच्छा नहीं माना जाता। मान्यता है कि घर में कबाड़ इकट्ठा होने से वास्तुदोष बढ़ता है।
साथ ही घर की सकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है। नकारात्मक ऊर्जा बढऩे लगती है। इससे घर में रहने वाले लोगों को मानसिक तनाव व आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड सकता है। इसीलिए जो लोग कबाड़े के नकारात्मक प्रभाव से दूर रहना चाहते हैं। वे अपने घर में कबाड़े को एकत्रित नहीं होने दें। यह जरूरी है।
साथ ही कबाड़ जहां तक हो सकें शनिवार के दिन बेचना चाहिए और ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार कबाड़ बेचकर कभी उसका पैसा अपने पास नहीं रखना चाहिए। दरअसल पुराने लोहे के सामान में शनि का व अन्य सामानों में पितृ का वास माना जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि घर में कबाड़ा इकट्ठा होने पर पितृदोष भी लगता है।
इसलिए पितृदोष व शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए कबाड़ बेचकर उसका पैसा गरीबों में दान कर देना चाहिए या उससे मिठाई खरीदकर गरीब बच्चों में बांटना चाहिए। इससे घर की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही दरिद्रता दूर होती है।
साथ ही घर की सकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है। नकारात्मक ऊर्जा बढऩे लगती है। इससे घर में रहने वाले लोगों को मानसिक तनाव व आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड सकता है। इसीलिए जो लोग कबाड़े के नकारात्मक प्रभाव से दूर रहना चाहते हैं। वे अपने घर में कबाड़े को एकत्रित नहीं होने दें। यह जरूरी है।
साथ ही कबाड़ जहां तक हो सकें शनिवार के दिन बेचना चाहिए और ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार कबाड़ बेचकर कभी उसका पैसा अपने पास नहीं रखना चाहिए। दरअसल पुराने लोहे के सामान में शनि का व अन्य सामानों में पितृ का वास माना जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि घर में कबाड़ा इकट्ठा होने पर पितृदोष भी लगता है।
इसलिए पितृदोष व शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए कबाड़ बेचकर उसका पैसा गरीबों में दान कर देना चाहिए या उससे मिठाई खरीदकर गरीब बच्चों में बांटना चाहिए। इससे घर की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही दरिद्रता दूर होती है।
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