रायपुर पुरानी बस्ती महामाया मंदिर रायपुर के प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है और आस्था का प्रमुख केंद्र है । नवरात्रि के समय यहां छत्तीसगढ़ के साथ ही कई अन्य राज्यों से भी भक्तों का मेला लगता है। इस मंदिर का निर्माण कलचुरी के शासकों ने कराया था । ऐसी मान्यता है कि राजा मोरध्वज ने महिषासुरमर्दिनी की अष्टïभुजी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में की थी। महामाया की प्रतिष्ठा कलचुरी शासकों की कुलदेवी के रूप में भी है। कहा जाता है कि रतनपुर के कलचुरियों की एक शाखा जब रायपुर में स्थापित हुई तो उन्होंने अपनी कुलदेवी महामाया का भव्य मंदिर यहां भी बनवाया। मुख्य मंदिर के अलावा समलेश्वरी देवी, काल भैरव, बटुक भैरव और हनुमान मंदिर दर्शनीय हैं।
बच्चों की मासिक पत्रिका भोपाल से प्रकाशित , सम्पादक -अरुण बंछोर, उपसंपादक -ओमप्रकाश बंछोर
गुरुवार, 25 सितंबर 2014
महामाया मंदिर रायपुर
रायपुर पुरानी बस्ती महामाया मंदिर रायपुर के प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है और आस्था का प्रमुख केंद्र है । नवरात्रि के समय यहां छत्तीसगढ़ के साथ ही कई अन्य राज्यों से भी भक्तों का मेला लगता है। इस मंदिर का निर्माण कलचुरी के शासकों ने कराया था । ऐसी मान्यता है कि राजा मोरध्वज ने महिषासुरमर्दिनी की अष्टïभुजी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में की थी। महामाया की प्रतिष्ठा कलचुरी शासकों की कुलदेवी के रूप में भी है। कहा जाता है कि रतनपुर के कलचुरियों की एक शाखा जब रायपुर में स्थापित हुई तो उन्होंने अपनी कुलदेवी महामाया का भव्य मंदिर यहां भी बनवाया। मुख्य मंदिर के अलावा समलेश्वरी देवी, काल भैरव, बटुक भैरव और हनुमान मंदिर दर्शनीय हैं।
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