तेलंगाना (तेलुगू : తెలంగాణ, तेलंगाणा), भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बना भारत का २९वाँ राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया जाएगा[2]। यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक राजवाडे के तेलुगूभाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'।
5 दिसम्बर 2013 को मंत्रिसमूह द्वारा बनाये गए ड्राफ्ट बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 18 फ़रवरी 2014 को तेलंगाना बिल लोक सभा से पास हो गया तथा दो दिन पश्चात इसे राज्य सभा से भी मंजूरी मिल गयी। राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ तेलंगाना औपचारिक तौर पर भारत का 29वां राज्य बन गया है। हालांकि लोक सभा से इस विधेयक को पारित कराते समय आशंकित हंगामे के चलते लोकसभा-टेलिविज़न का प्रसारण रोकना पड़ा था।[3][4][5]
अभी जिस क्षेत्र को तेलंगाना कहा जाता है, उसमें आंध्र प्रदेश के 23 ज़िलों में से 10 ज़िले आते हैं। ये हैं: हैदराबाद, अदिलाबाद, खम्मम, करीमनगर,महबूबनगर, मेडक, नलगोंडा, निजामाबाद, रंगारेड्डी और वारंगल। इस क्षेत्र से आंध्र प्रदेश की 294 में से 119 विधानसभा सीटें आती हैं। तेलंगाना को 42 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें प्राप्त हुई है।
इतिहास[
तेलंगाना को एक अलग राज्य बनाने की मांग की जाती रही है और इसके लिए आंदोलन भी किया जाता रहा हैं।
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