मणिपुर में कई रोचक पहलू हैं, जो लोग घूमने - फिरने के बहुत शौकीन हैं, उनके लिए मणिपुर में बहुत कुछ खास है। भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य में सिरउई लिली, संगाई हिरण, लोकतक झील में तैरते द्वीप, दूर - दूर तक फैली हरियाली, उदारवादी जलवायु और परंपरा का सुंदर मिश्रण देखने का मिलता है। इस जगह की यात्रा कभी कठिन नहीं होती और हमेशा रोचक रहती है।
मणिपुर राज्य, उत्तर में नागालैंड, दक्षिण में मिजोरम, पश्चिम में असम और पूर्व में वर्मा की सीमा से जुड़ा हुआ है।
यात्रा के विषय में जानकारी - मणिपुर में पर्यटकों की रूचि के अनुरूप स्थल
इम्फाल, मणिपुर की राजधानी है जो प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवन से घिरी हुई है। कई लोग इस बात को सुनकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि पोलो खेल की उत्पत्ति इम्फाल में हुई थी। इसजगह कई प्राचीन अवशेष, मंदिर और स्मारक हैं। इम्फाल में द्वितीय विश्व युद्ध के इम्फाल के युद्ध और कोहिमा के युद्ध का उल्ल्ेख मिलता है। यह स्थल यहां आने वाले पर्यटकों को मणिपुर के साथ जोड़ता है। श्री गोविंद जी मंदिर, कांगला पैलेस, युद्ध स्मारक, महिलाओं के द्वारा चलाया जाने वाले बाजार - इमा केथेल, इम्फाल घाटी और दो बगीचे इस जगह को पूरी तरह से पर्यटन के लायक बनाते हैं।
मणिपुर पर्यटन का सबसे अह्म पहलू चंदेल है जो एक जिला और शहर है, साथ ही इसे म्यांमार के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है। चंदेल और तामेंगलांग में चारों तरफ वनस्पतियों और जीवों की विविध प्रजातियां पाई जाती हैं। चंदेल में मोरेह, मणिपुर के व्यावसायिक केंद्र होने के लिए होता है। तामेंगलांग में ऑरेंज महोत्सव, यहां के स्थानीय निवासियों और आने वाले पर्यटकों के बीच फल उत्सव के रूप में जाना जाता है, जो आंगतुकों के लिए खासा आकर्षण है।
सेनापति में कई छोटे - छोटे गांव हैं जो इस क्षेत्र को पर्यटन के लिए विशिष्ट बनाते हैं। माराम खुलेन, मक्खेल और इतिहास में दर्ज यांगखुल्लेन चोटी, माओ मणिपुर राज्य के लिए प्रवेश द्वार हैं। वहीं पुरूल, ताऊटो की भूमि है जो राज्य का लोकप्रिय खेल है।
सिर्फ घूमना - फिरना और मस्ती : झीलों, गार्डन और चोटियों की सैर
लोकतक झील, दुनिया की सबसे बड़ी बहने वाली झीलों में से एक है और इसमें तैरने वाले द्वीपों के कारण यह मणिपुर के बिश्नुपुर में एक पर्यटन आकर्षण है। इन द्वीपों पर मछुआरे अस्थायी रूप से निवास करते हैं। लोकतक झील पर सेन्द्रा द्वीप एक पिकनिक स्पॉट है जहां सैर के लिए अवश्य जाना चाहिए। यहां केईबुल लाम्जाओ राष्ट्रीय पार्क भी है जहां संगाई हिरण पाएं जाते हैं और इस पार्क के पास में ही एक झील भी बहती है।
तामेंगलांग में जाईलद झील एक बेहद खूबसूरत स्थल है और साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटक यहां आने के लिए उत्सुक रहते हैं। वहीं मणिपुर के थौबेल जिले की बेथोउ झील भी अपने आसपास फैली सुंदरता के कारण विख्यात है और भारी संख्या में लोग यहां सैर करने आते है।
मणिपुर का थौबल जिला एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जहां धान की पैदावार भारी मात्रा में होती है, ये फसल इस क्षेत्र को देखने में बेहद सुंदर बना देती है। थौबल में इकॉप झील, लाउसी झील, पुमलेन झील व अन्य झीलें शामिल हैं। वहीं उखरूल में स्थित काचाऊफुंग झील एक प्राकृतिक संरचना है जो खायांग झरने के पास में स्थित है। चुराचांदपुर में नगालोई झरना और खुगा बांध भी पर्यटन स्थल हैं।
हालांकि, उखरूल की शिरूउई कुशांग चोटी, में शिरूउई लिली दूर - दूर तक फैले हैं जो गर्मियों के दौरान यहां के वातावरण को बेहद खास और प्यारा बना देते हैं। चंदेल का घास का मैदान यहां काफी दूर तक फैला हुआ है जो असमान और ऊंचा - नीचा है इसके बावजूद भी यहां खिलने वाले जंगली लिली के कारण गर्मियों का मौसम पर्यटन के लायक होता है। इसीलिए मणिपुर की सुंदरता हमेशा पर्यटकों को लुभाती है कि वह यहां आएं और भ्रमण करें, जितना अन्य कोई स्थान उन्हे प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए आकर्षित नहीं करता।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें