एक्टिंग खराब होने से निराश हो उठती है
छत्तीसगढ़ी फिल्मो की सह-अभिनेत्री सुनीता राजपूत की तमन्ना सुपर स्टार बनने की है। बचपन से एक्टिंग का शौक रखने वाली सुनीता कहती है कि जब अभिनय ठीक से नहीं कर पाती है तब उन्हें निराशा होती है। वे कहती कि छत्तीसगढ़ी फिल्मे भी अच्छी बनती है फिर भी यहां की जनता में अपनी भाषा के प्रति मोह नहीं होने के कारण फिल्मे नहीं चल पाती। नवोदित अदाकारा सुनीता को दुख है कि यहां के फिल्म इंडस्ट्री को सरकार से नहीं मिलती। सुनीता से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही है। बचपन में जब हम टीवी देखकर डांस किया करते थे तभी से कुछ करने की इच्छा जागी और आज हम आपके सामने है।
0 मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरी मम्मी तिलोतमा राजपूत ही मेरी प्रेरणाश्रोत है। उनका मुझे बहुत ही सहयोग है और उन्होंने ही मुझे फिल्मो में आने की प्रेरणा दी है और मनोजदीप मेरे आदर्श है जिन्होंने मुझे फिल्मो में लेकर आये।
0 अभिनय की ओर आपका रुझान कैसे हुआ ?
00 टीवी देख कर और माँ की तमन्ना पूरा करने अभिनय की ओर मेरा रुझान हूआ।
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 जी जब मेरा एक्टिंग अच्छा होता है तब मैं बहुत उत्साहित होती हूँ।
0 आप फिल्मो में अभिनेत्री की भूमिका निभाती है, तो आपको कैसा महसूस होता है?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो मुझे गर्व मेहसूस होता हैं और मैं अपने रोल को बखूबी निभाने की कोशिश करती हूँ।
0 रील लाइफ और रीयल लाइफ में क्या अंतर है?
00 दोनों अलग अलग चीज है रियल लाइफ को रील लाइफ में नहीं जोड़ सकते । रील लाइफ में सिर्फ भूमिका निभाते है और रियल लाइफ में परिस्थितियों और समाज अनुसार चलते हैं।
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 जब एक्टिंग खराब होती है तब मुझे बहुत निराश होती है।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है कि एक दिन मैं सुपर स्टार बनूँ और खूब नाम कमाऊं । मैं अपने इस सपने को पूरा होते देखना चाहती हूँ।
छत्तीसगढ़ी फिल्मो की सह-अभिनेत्री सुनीता राजपूत की तमन्ना सुपर स्टार बनने की है। बचपन से एक्टिंग का शौक रखने वाली सुनीता कहती है कि जब अभिनय ठीक से नहीं कर पाती है तब उन्हें निराशा होती है। वे कहती कि छत्तीसगढ़ी फिल्मे भी अच्छी बनती है फिर भी यहां की जनता में अपनी भाषा के प्रति मोह नहीं होने के कारण फिल्मे नहीं चल पाती। नवोदित अदाकारा सुनीता को दुख है कि यहां के फिल्म इंडस्ट्री को सरकार से नहीं मिलती। सुनीता से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही है। बचपन में जब हम टीवी देखकर डांस किया करते थे तभी से कुछ करने की इच्छा जागी और आज हम आपके सामने है।
0 मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरी मम्मी तिलोतमा राजपूत ही मेरी प्रेरणाश्रोत है। उनका मुझे बहुत ही सहयोग है और उन्होंने ही मुझे फिल्मो में आने की प्रेरणा दी है और मनोजदीप मेरे आदर्श है जिन्होंने मुझे फिल्मो में लेकर आये।
0 अभिनय की ओर आपका रुझान कैसे हुआ ?
00 टीवी देख कर और माँ की तमन्ना पूरा करने अभिनय की ओर मेरा रुझान हूआ।
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 जी जब मेरा एक्टिंग अच्छा होता है तब मैं बहुत उत्साहित होती हूँ।
0 आप फिल्मो में अभिनेत्री की भूमिका निभाती है, तो आपको कैसा महसूस होता है?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो मुझे गर्व मेहसूस होता हैं और मैं अपने रोल को बखूबी निभाने की कोशिश करती हूँ।
0 रील लाइफ और रीयल लाइफ में क्या अंतर है?
00 दोनों अलग अलग चीज है रियल लाइफ को रील लाइफ में नहीं जोड़ सकते । रील लाइफ में सिर्फ भूमिका निभाते है और रियल लाइफ में परिस्थितियों और समाज अनुसार चलते हैं।
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 जब एक्टिंग खराब होती है तब मुझे बहुत निराश होती है।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है कि एक दिन मैं सुपर स्टार बनूँ और खूब नाम कमाऊं । मैं अपने इस सपने को पूरा होते देखना चाहती हूँ।
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