रविवार, 21 फ़रवरी 2010

लामा-एक अनोखा ऊँट


यूँ तो ऊँट रेगिस्तान का जहाज कहलाता है क्योंकि यह दूर-दूर तक बिछी रेत पर आसानी से चल व दौड़ सकता है, संसार में इसकी कुछ अनोखी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। दक्षिणी अमेरिका के एण्डीज वन प्रांतों में पाया जाने वाला जीव 'लामा' की पूँछ भी बहुत छोटी होती है तथा शरीर बालों से ढँका रहता है। लामा के लिए टेढ़े-मेढ़े चट्‍टानी या पहाड़ी इलाके बाधक नहीं होते, हर स्थिति में ये बखूबी चल सकते हैं।
'लामा' सफेद और काले दोनों रंग का होता है। पहाड़ों और जंगलों में इनके झुंड के झुंड घूमा करते हैं। झुंड के कुछ 'लामा' रखवाली भी करते हैं, जो चीख कर खतरे या संकट की सूचना अपने साथियों को तुरंत देते हैं।

पालतू लामा पशुओं में नर भार ढोने के काम आते हैं व मादा से दूध प्राप्त किया जाता है। लामा पशुओं की तीन प्रमुख श्रेणियाँ हैं - ग्वानको, विक्यूना तथा अल्पका। ग्वानको दक्षिणी अफ्रीका के दक्षिणी मैदानों में मिलता है। अल्पका, लामा की एक पालतू जाति है इसका शरीर मुलायम रोओं से ढँका रहता है, जिससे रेशम तैयार किया जाता है। ग्वानको और अल्पका के अतिरिक्त लामाओं की जाति है - विक्यूना, जो एण्डीज पर्वत पर काफी ऊँचाई पर पाया जाता है। ये वहाँ के मूल निवासियों के लिए बड़े महत्वपूर्ण रहे हैं, और वे इसे राजसी 'लामा' मानते हैं।
मरने के बाद भी लामा उपयोग में आते हैं। इसकी खाल से जूते बनते हैं। बाल मजबूत रस्सी बनाने के काम आते हैं। इसकी चर्बी से मोमबत्तियाँ बनाई जाती हैं। सन 1953 में फ्रांसिस्को पिजारो के सेनापतित्व में स्पेन के सैनिक ने जब दक्षिणी अमेरिका के पेरू प्रदेश पर कब्जा किया तो ठिगने कद काठी के बिना कूबड़ वाले ऊँटों को देखकर वे आश्चर्य में पड़ गए थे और तभी से 'लामा' संपूर्ण दुनिया में ‍चर्चित हो गए।
सौजन्य से - देवपुत्र

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