शांत तरीके से पानी में तैरती मछलियों को देखकर लगता ही नहीं कि वे भी आपस में बातें करती होंगी। लेकिन ताजा रिसर्च कहती हैं कि कुछ मछलियाँ आवाजें करती हैं। कई बार वह सथियों को खतरे से आगाह करती हैं तो कई बार मौज मस्ती भी।
न्यूजीलैंड के एक शोधकर्ता के मुताबिक मछलियाँ चिड़ियों की तरह चहचहा और भिनभिना सकती हैं। कई प्रजातियाँ तो सूअर जैसी आवाज भी निकाल सकती हैं। सभी मछलियाँ सुन सकती हैं, लेकिन सभी मछलियाँ आवाजें नहीं कर सकतीं। जो मछलियाँ आवाजें कर सकती हैं, वे इस क्षमता को एक दूसरे को सावधान करने के लिए या दूसरी मछलियों को भगाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। कई इस क्षमता को अपना साथी चुनते वक्त भी इस्तेमाल करती हैं।
शोधकर्ता शाहरिमान गजाली ने यह भी पाया कि ये जीव अपने पंखों को फड़फड़ा कर ऐसा करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि कम आँके जाने वाली मछलियों में भी हमारी सोच से कहीं ज्यादा गुण हैं। यानी सागरों की दुनिया इतनी शांत नहीं है, जितनी लगती है।
लेकिन अगर कोई यह सोच रहा हो कि उसके एक्वेरियम में रखी गोल्डफिश भी कुछ कहेगी, तो यह जरा मुश्किल है। गजाली कहते हैं, 'गोल्डफिश की सुनने की क्षमता बहुत अच्छी है। लेकिन सुनने का मतलब यह नहीं है कि वह बोल भी सकती है। कुछ भी हो, वे किसी तरह की आवाज नहीं करती हैं।'
गजाली ने बुधवार को अपने शोध के इन निष्कर्षों को न्यूजीलैंड की मैरिन साइंस सोसाइटी में पेश किया।
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