शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

फौलादी जज्बा देती है यह हनुमान स्तुति

सनातन धर्म में श्री रामचरित मानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों को भी उजागर करते हैं। इन पात्रों में रामभक्त श्री हनुमान के चरित्र में भी कर्म, समर्पण, पराक्रम, प्रेम, परोपकार, मित्रता, वफादारी जैसे अनेक आदर्शों के दर्शन होते हैं।

श्री हनुमान के दिव्य और संकटमोचक चरित्र के दर्शन श्री रामचरित मानस के सुन्दरकाण्ड में होता है। इसलिए सुन्दरकाण्ड का पाठ व्यावहारिक जीवन में आने वाली संकट, विपत्तियों और परेशानियों को दूर करने में बहुत प्रभावी माना जाता है। किंतु अगर समयाभाव से पूरा पाठ संभव न हो तो सुन्दरकाण्ड में दी गई श्री हनुमान की छोटी सी स्तुति का नियमित पाठ आपकी दु:ख व कष्टों से रक्षा करने के साथ हर मनोरथ पूरे कर देता है। यह स्तुति शनि पीड़ा के बुरे प्रभाव से भी बचाती है।
इच्छापूर्ति और शनि पीड़ा से रक्षा के लिए श्री हनुमान उपासना के विशेष दिन शनिवार और मंगलवार को इस हनुमान स्तुति का पाठ अवश्य करें।
- शनिवार या मंगलवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन बोल, विचार और व्यवहार को पवित्र रखें।
- घर या मंदिर में जाकर श्री हनुमान को गंध, सुगंधित तेल व सिंदूर, लाल फूल, अक्षत चढ़ाएं।
- गुग्गल अगरबत्ती या धूप बत्ती और घी के दीप जलाकर पूजा करें। केले, गुड़ या चने का भोग लगाएं।
- इसके बाद सुन्दरकाण्ड की इस छोटी-सी स्तुति का श्रद्धा और आस्था से पाठ करें -
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

श्री हनुमान की इस स्तुति का नित्य पाठ दैनिक जीवन के कामों में आने वाली बाधा और परेशानियों को भी दूर कर व्यर्थ चिंता और तनाव से बचाती है या यूं कहें कि यह छोटी सी हनुमान स्तुति हर मुश्किलों और मुसीबतों से लडऩे का फौलादी जज्बा देती है।

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