हमारा शरीर पंच तत्व से बना है। मिट्टी भी उन पंच तत्वों में से एक है। मिट्टी से दीपक बनाने का रिवाज हमारे यहां काफी पुराने समय से चला आ रहा है। मिट्टी को बहुत शुद्ध माना जाता है। इसलिए मिट्टी से बने दीपक आज भी पूजन में भगवान के सामने प्रज्वलित किए जाते हैं। साथ ही मिट्टी का दीपक जलाने से घर से कई तरह के वास्तुदोष भी दूर हो जाते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में यदी अखंड रूप से मिट्टी के दीपक जलाएं तो कई तरह के वास्तुदोष में कमी आती है।शाम के समय घर के परंडे पर दीपक जलाने से पितृदोष के साथ ही वास्तुदोष भी शांत होता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा में मिट्टी का दीपक लगाने पर घर में किसी तरह का अभाव नहीं रहता।
घर में कभी भी उत्तर-पूर्व कोने में दीपक ना लगाएं। इस कोने में दीपक लगाना वास्तु के अनुसार उचित नहीं माना जाता है।
श्री रामचरित मानस का पाठ अखंड दीपक के सामने करने से घर का वास्तुदोष खत्म हो जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में यदी अखंड रूप से मिट्टी के दीपक जलाएं तो कई तरह के वास्तुदोष में कमी आती है।शाम के समय घर के परंडे पर दीपक जलाने से पितृदोष के साथ ही वास्तुदोष भी शांत होता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा में मिट्टी का दीपक लगाने पर घर में किसी तरह का अभाव नहीं रहता।
घर में कभी भी उत्तर-पूर्व कोने में दीपक ना लगाएं। इस कोने में दीपक लगाना वास्तु के अनुसार उचित नहीं माना जाता है।
श्री रामचरित मानस का पाठ अखंड दीपक के सामने करने से घर का वास्तुदोष खत्म हो जाता है।
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