रविवार, 26 दिसंबर 2010

क्यों कहते हैं विष्णु को नारायण?


हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि सृष्टि का निर्माण त्रिदेवों ने मिलकर किया है। भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालनकर्ता माना गया है। कहते हैं कि जब भी धरती पर कोई मुसीबत आती है तो भगवान विभिन्न अवतार लेकर आते हैं और हमें उन मुसीबतों से बचाते हैं।
हिन्दू धर्म में भगवान के जितने रूप है उतने ही उनके नाम भी बताये गए है। भगवान विष्णु का ऐसा ही एक नाम है नारायण। लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा कि भगवान को नारायण क्यों कहते हैं? भगवान विष्णु का नारायण नाम कैसे पड़ा?
विष्णु महापुराण में भगवान के नारायण नाम के पीछे एक रहस्य बताया गया है। इसमें कहा गया है कि जल की उत्पत्ति नर अर्थात भगवान के पैरों से हुई है इसलिए पानी को नीर या नार भी कहा जाता है। चूंकि भगवान का निवास स्थान (अयन) पानी यानी कि क्षीर सागर को माना गया है इसलिए जल में निवास करने के कारण ही भगवान को नारायण (नार+अयन) कहा जाता है।
हमारे शास्त्रों नें बताया है कि इस सृष्टि का निर्माण भी जल से हुआ है। और भगवान के पहले तीन अवतार भी जल से उत्पन्न हुए हैं इसलिए हिन्दू धर्म में जल को देव रूप मे पूजा जाता है।

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