शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

खाना सीधे हाथ से ही क्यों खाते हैं?

हमारे रोजाना किए जाने वाले सबसे जरूरी कामों में से ही एक काम हैं भोजन। भोजन से ही हमारे शरीर को कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। हमारे देश में हर छोटे से छोटे या बड़े से बड़े कार्य से जुड़ी कुछ परंपराए बनाई गई है। वैसे ही भोजन करने से जुड़ी हुई भी कुछ मान्यताएं हैं जैसे खाना जमीन पर बैठकर खाना, खाना खाने से पहले भगवान को भोग लगाना, आदि। खाने से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण मान्यता है कि खाना हमेशा सीधे हाथ से ही खाना चाहिए। लेकिन कुछ लोगों को उल्टे हाथ से खाना खाने की आदत होती है तो वे ये सोचते है कि खाना सीधे हाथ से ही खाएं ऐसा जरूरी तो नहीं है। दरअसल हमारी हर मान्यता के पीछे कोई न कोई कारण है।
सीधे हाथ से खाना इसलिए खाते हैं क्योंकि हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि हर शुभ काम या अच्छा काम जिससे आप जल्द ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं वह काम सीधे हाथ से करना चाहिए। इसीलिए हर धार्मिक कार्य चाहे वह यज्ञ हो या दान-पुण्य सीधे हाथ से ही किया जाना चाहिए । जब हम हवन करते हैं और यज्ञ नारायण भगवान को आहूति दी जाती है तो वो सीधे हाथ से ही दी जाती है। दरअसल सीधे हाथ को सकरात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है। भोजन करने को भी हमारी परंपरा में एक तरह का हवन माना गया है। हमारे शरीर को भोजन के रूप में दी गई हर एक आहूति से हमें पूरी ऊर्जा मिले। यही सोचकर हमारे पूर्वजों ने यह मान्यता बनाई की खाना सीधे हाथ से ही खाना चाहिए।
(www.bhaskar.com)

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