शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

अमावस्या को लड़कियों को खुले बाल करके नहीं घुमना चाहिए क्योंकि

लड़कियों को बाल खुले रखने को मना किया जाता है। विशेषकर अमावस्या की रात को लड़की को खुले बाल करके बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या की रात को नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं खुले बाल करके घुमने से लड़कियों को बहुत ही जल्द अपने प्रभाव में ले लेती हैं। यहां नकारात्मक शक्ति से अभिप्राय है कि आसुरी प्रवृत्तियां। अमावस की रात बुरी शक्तियां अपने पूरे बल में होती हैं। इन शक्तियों को लड़कियां पूरी तरह प्रभावित करती हैं। जिससे वे उन्हें अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करती हैं।
इन शक्तियों के प्रभाव में आने के बाद लड़कियों का मानसिक स्तर व्यवस्थित नहीं रह पाता और उनके पागल होने का खतरा बढ़ जाता है। विज्ञान के अनुसार अमावस और हमारे शरीर का गहरा संबंध है। अमावस का संबंध चंद्रमा से है। हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी है जिसे चंद्रमा सीधे-सीधे प्रभावित करता है। ज्योतिष में चंद्र को मन का देवता माना गया है। अमावस के दिन चंद्र दिखाई नहीं ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती है।
जब चंद्र नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर के पानी में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है। इन्हीं कारणों से अमावस्या के दिन लड़कियों को खुले बाल रखकर घुमने से मना किया जाता है। चंद्रमा हमारे शरीर के जल को किस प्रकार प्रभावित करता है इस बात का प्रमाण है समुद्र का ज्वारभाटा। पूर्णिमा और अमावस के दिन ही समुद्र में सबसे अधिक हलचल दिखाई देती है क्योंकि चंद्रमा जल को शत-प्रतिशत प्रभावित करता है।
(www.bhaskar.com)

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