शुक्रवार, 19 सितंबर 2014

लक्ष्मी कृपा चाहें तो छोड़े ये 6 बुरी आदतें

धर्मशास्त्रों में बताई बातें असल में जीवन के अलग-अलग पहलूओं पर बताया गया ऐसा ज्ञान या निचोड़ है, जिससे तन, मन, विचार, आचरण से जुड़ा कोई भी विषय अछूता नहीं। यह जीवन को संयम और अनुशासन से रहने की सीख देते हैं। यही कारण है कि धर्म पालन इंसानी जीवन में सुख और शांति के लिए अहम माना गया है।
इसी नजरिए से जिंदगी को सुखी बनाने के लिए ही धन का महत्व बताया गया है। धन का अभाव यानी आर्थिक दरिद्रता किसी भी व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और वैचारिक बल पर बुरा असर डालती है। यही कारण है कि हर व्यक्ति व्यावहारिक रूप ही नहीं धार्मिक दृष्टि से भी धन की देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता चाहता है।
लक्ष्मी कृपा के लिए ही धर्म शास्त्रों में जो बातें जरूरी बताई गई है उनका संबंध भी जीवनशैली से जुड़ी छोटी-छोटी बातों से है, जिनके पीछे छुपे संदेशों को मूल भाव इंसान की दिनचर्या को साधना ही है, ताकि स्वस्थ्य, सबल और वक्त का पांबद बन सुख रूपी हर धन को पा सके।
यहां बताई जा रही हैं, ऐसी बुरी आदतें जिसके बारे में शास्त्र कहते हैं, इन आदतों के भगवान विष्णु में होने पर देवी लक्ष्मी उनको भी छोड़ देती है। डालते हैं एक नजर -
लिखा गया है कि -
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं ब्रह्वाशिनं निष्ठुरवाक्यभाषिणम्।

सूर्योदये ह्यस्तमयेपि शायिनं विमुञ्चति श्रीरपि चक्रपाणिम्।।

सरल शब्दों में संकेत है इन छ: बुरी आदतों को छोडऩे का, जिनसे लक्ष्मी रूठ जाती है-

- मैले कपड़ पहनना

- दांत साफ न रखना

- ज्यादा भोजन करना

- कटु या कठोर वचन बोलना

- सूर्यादय और सूर्यास्त के समय भी सोते रहना

स्वाभाविक रूप से इन बातों से साफ है कि ऐसी आदतों से इंसान न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रह पाएगा न मानसिक रूप से ऊर्जावान, जो धन प्राप्ति के लिए अहम पुरुषार्थ या मेहनत के लिए बहुत ही जरूरी है।
www.bhaskar.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें