बुधवार, 15 जून 2011

आप जानते हैं, ग्रहण के समय भोजन क्यों नहीं करना चाहिए!

हिंदु धर्म के अनुसार ग्रहण के दौरान भोजन करने को निषिद्ध माना गया है। यह परंपरा हमारे यहां आज से ही नही ऋषि-मुनियों के समय से ही चली आ रही है।हमारे धर्म शास्त्रों में सूर्य ग्रहण लगने के समय भोजन के लिए मना किया है, क्योंकि मान्यता थी कि ग्रहण के समय में कीटाणु बहुलता से फैल जाते है। खाद्य वस्तु, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं।
इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि ग्रहण के समय मनुष्य के पेट की पाचन-शक्ति कमजोर हो जाती है, जिसके कारण इस समय किया गया भोजन अपच, अजीर्ण आदि शिकायतें पैदा कर शारीरिक या मानसिक हानि पहुँचा सकता है। इसीलिए हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण लगने से दस घंटे पूर्व से ही इसका कुप्रभाव शुरू हो जाता है। अंतरिक्षीय प्रदूषण के समय को सूतक काल कहा गया है। इसलिए सूतक काल और ग्रहण के समय में भोजन तथा पेय पदार्थों के सेवन की मनाही की गई है। साथ ही इस समय मंत्र जप व पूजा-पाठ व दान पुण्य आदि करने के बाद भोजन करने का नियम बनाया गया है।

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