रविवार, 5 जून 2011

पेड़ों में जल चढ़ाने से चमकता है नसीब

पेड़ों का हमारे जीवन में सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। साथ ही पेड़ों से ही पूरा वातावरण संतुलित रहता है। सही बारिश, सही तापमान सभी पेड़ों की स्थिति पर ही निर्भर है। इसी वजह से शास्त्र में पेड़ों की रक्षा करना सभी का कर्तव्य बताया गया है। ज्योतिष में भी बहुत से ग्रह संबंधी उपाय पेड़ों से ही जुड़े हुए हैं।

ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों के अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों की विधि-विधान से पूजा करने पर ग्रहों के दोष दूर होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला हो या किसी ग्रह की कुदृष्टि हो या बुरा प्रभाव देने वाले ग्रहों की युति हो या कोई अशुभ योग बन रहा हो तो ऐसी स्थितियों में पेड़ों से संबंधित कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाने पर कुछ ही समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।
पेड़ों की पूजा या जल अर्पित करने से एक ओर तो हमारी कई समस्याएं दूर होती हैं वहीं यह हरियाली के लिए भी फायदेमंद है। पेड़ों की रक्षा के लिए पेड़ों में जल चढ़ाने की परंपरा बनाई गई है ताकि धर्म के नाम पर लोग पेड़ों को जल अर्पित करें और उनकी रक्षा होती रहे।
सभी वृक्षों का अपना अलग महत्व है लेकिन कुछ वृक्ष ऐसे है जिनका शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि पीपल में जल अर्पित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अन्य वृक्ष जैसे नीम, बरगद, बेलपत्र, अशोक, चंदन, आम आदि की भी पूजा की जाती है या इनके फल, पत्ते, तने को पूजा में शामिल किया जाता है। पीपल में जल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या में बहुत जल्द लाभ प्राप्त होता है, कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होता है। जिन लोगों का भाग्य साथ नहीं देता उन्हें पीपल में प्रतिदिन जल चढ़ाकर, सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति को भाग्य का साथ अवश्य मिलने लगेगा।
राशि अनुसार पूजनीय वृक्ष
मेष एवं वृश्चिक- खैर
वृषभ एवं तुला- गूलर
मिथुन एवं कन्या- अपामार्ग
कर्क- पलाश
सिंह- आक
धनु एवं मीन- पीपल
मकर एवं कुंभ- शमी
इन्हीं पेड़ों की लकडिय़ों से इन राशियों के स्वामी ग्रहों की शांति हेतु हवन किया जाता है।

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