मंगलवार, 14 जून 2011

इस तीर्थ की यात्रा से मिलते हैं सारे सुख

पुष्कर तीर्थ बहुत ही प्रसिद्ध है। पुष्कर में करोड़ो तीर्थ निवास करते हैं। दित्य, वसु, रूद्र, साध्य, गंधर्व हमेशा वहां उपस्थित रहते हैं। जो उदार पुरुष मन से कभी पुष्कर का स्मरण करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस तीर्थ में जो स्नान करता है और देवता-पितरो को संतुष्ट करता है। उसे अश्चमेघ यज्ञ से भी दस गुना फल प्राप्त होता है।
जो पुष्करारण्य तीर्थ में एक ब्राह्मण को भी भोजन कराता है। उसे इस लोक और परलोक में सुख मिलता है। मनुष्य जिस तरह का भोजन करता है उसी वस्तु के द्वारा श्रद्धा के साथ ब्राह्मण को भोजन करावे। किसी से भी ईष्र्या न करे। जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र परम पवित्र पुष्कर तीर्थ में स्नान करते हैं, उन्हें जन्म नहीं ग्रहण करना पड़ता।
कार्तिक के महीने में पुष्कर तीर्थ का स्नान करने पर अक्षय लोकों की प्राप्ति होती है। जो सायं और सुबह दोनों हाथ जोड़कर पुष्कर क्षेत्र में आए हुए तीर्थों का स्मरण करता है, उसे सारे तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। पुष्कर तीर्थ में स्नान करने मात्र से पाप नष्ट हो जाते हैं। जैसे देवताओं में विष्णु प्रधान है वैसे ही तीर्थों में पुष्कर प्रधान है।

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