गुरुवार, 21 जुलाई 2011

शहद की यह खूबी, किसी को भी ताज्जुब में डाल देगी!

सुना है कल्पवृक्ष के नीचे बैठ कर की गई हर इच्छा पूरी हो जाती है। लेकिन आज तक ऐसे किसी वृक्ष की खोज नहीं हो सकी है। लेकिन अभी-अभी एक ऐसे वृक्ष के बारे में पता चला है जिसे प्रकृति ने एक अनोखी खाशियत से नवाजा है। इस पैड़ की खाशियत इसके फू लों में छुपी है। क्योंकि इसके फूलों से बना शहद दुनिया के सर्वोत्तक एंटीबॉयोटिक का काम करता है।
इस विलक्षण पैड़ का नाम है-मनुका, और यह न्यूज़ीलैंड के जंगलों में पाया जाता है। वेल्स यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए शोध से पता चला है कि इस पैड़ के फूलों से बना शहद बेहद असरदार होता है। इस शहद को मधुमक्खियां न्यूज़ीलैंड के मनुका वृक्षों से पराग इक_ा करके बनाती हैं। पूरी दुनिया में ज़ख्मों के इलाज के लिए इस शहद का पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
शोधकर्ता, मनुका पैड़ से बने शहद में मौजूद बैक्टीरिया से लडऩे की क्षमता को और बेहतर तरीक़े से जान लेना चाहते थे ताकि हमारे अस्पतालों में पाए जाने वाले कुछ बेहद मुश्किल बैक्टीरिया संक्रमणों से निपटा जा सके। सबसे सामान्य बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोक्की और स्यूडोमोनड्स पर किए प्रयोगों के आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि मनुका पैड़ से निर्मित शहद बैक्टीरिया को कोशिकाओं तक पहुंचने से रोक देता है जो कि किसी भी गंभीर संक्रमण की शुरुआत की सबसे अहम कड़ी होती है.
प्रयोगों के आधार पर ये संकेत मिलता है कि दवाओं को बेअसर करनेवाले संक्रमणों के इलाज के लिए मनुका शहद को अगर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ मिलाकर दिया जाए तो ये ज़्यादा असरदार साबित हो सकता है।

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