पहली पत्नी से था एक पुत्र भी
स्वयंवर जीतने के बाद माता कुंती की आज्ञा से पांचों पांडवों ने द्रौपदी से विवाह किया। द्रौपदी पांच में चार पांडवों की पहली पत्नी थी, जबकि एक पांडव की दूसरी पत्नी थी। इस विवाह से पूर्व भीम का विवाह हिडिम्बा नामक राक्षसी के साथ हो चुका था। भीम और हिडिम्बा का एक पुत्र भी था घटोत्कच्छ।
दुर्योधन और मामा शकुनि ने षड़यंत्र रचकर सभी पांडवों को मारने के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया था। लाक्षागृह से बचने के बाद सभी पांडव माता कुंती के साथ छिपकर एक जंगल में रहने लगे थे। उस जंगल में हिडिम्ब नामक राक्षस का राज का था। यह राक्षस मानवों का मारकर खा जाता था। भीम ने हिडिम्ब राक्षस का वध किया और उसकी बहन हिडिम्बा से विवाह किया। इसके बाद उनके पुत्र घटोत्कच्छ का जन्म हुआ। इस प्रसंग के बाद ही द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों के साथ हुआ था। द्रौपदी पूर्व जन्म में थी अविवाहित शास्त्रों के अनुसार द्रौपदी पूर्व में अविवाहित थी। पति पाने की कामना से द्रौपदी ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। शिवजी प्रसन्न हुए और उन्होंने द्रौपदी से वर मांगने को कहा, तब द्रौपदी से पांच बार में वर मांगा। शिवजी ने तथास्तु कहा और वे अंर्तध्यान हो गए। इसके बाद द्रौपदी के अगले जन्म में शिवजी के वरदान स्वरूप पांच पांडवों पति के रूप में प्राप्त हुए।
दुर्योधन और मामा शकुनि ने षड़यंत्र रचकर सभी पांडवों को मारने के लिए लाक्षागृह का निर्माण किया था। लाक्षागृह से बचने के बाद सभी पांडव माता कुंती के साथ छिपकर एक जंगल में रहने लगे थे। उस जंगल में हिडिम्ब नामक राक्षस का राज का था। यह राक्षस मानवों का मारकर खा जाता था। भीम ने हिडिम्ब राक्षस का वध किया और उसकी बहन हिडिम्बा से विवाह किया। इसके बाद उनके पुत्र घटोत्कच्छ का जन्म हुआ। इस प्रसंग के बाद ही द्रौपदी का विवाह पांचों पांडवों के साथ हुआ था। द्रौपदी पूर्व जन्म में थी अविवाहित शास्त्रों के अनुसार द्रौपदी पूर्व में अविवाहित थी। पति पाने की कामना से द्रौपदी ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। शिवजी प्रसन्न हुए और उन्होंने द्रौपदी से वर मांगने को कहा, तब द्रौपदी से पांच बार में वर मांगा। शिवजी ने तथास्तु कहा और वे अंर्तध्यान हो गए। इसके बाद द्रौपदी के अगले जन्म में शिवजी के वरदान स्वरूप पांच पांडवों पति के रूप में प्राप्त हुए।
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