30 अक्टूबर 2010 का दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काफी महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन तीस वर्षों बाद शनिवार को पुष्य नक्षत्र योग आ रहा है। वैसे तो हमेशा पुष्य नक्षत्र योग लगभग 8 घंटों तक ही रहता है परंतु इस वर्ष शनि पुष्य नक्षत्र योग पूरे दिन रहेगा, इसी वजह से ज्योतिष के अनुसार यह महायोग है।
शनिवार के दिन पुष्य नक्षत्र योग होने से इस दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से त्रस्त लोगों का शनि आराधना का विशेष फल प्राप्त होगा। साथ ही इस किए गए धर्म-कर्म से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। वैसे तो हर 27 दिन में पुष्य नक्षत्र का योग बनता है परंतु दीपावली पूर्व आने वाला पुष्य नक्षत्र सबसे अधिक शुभ माना जाता है। यह योग जिस वार को आता है, उसके अनुसार फल प्रदान करता है।
कब बनेगा महायोग
29 अक्टूबर की मध्यरात्रि पश्चात रात में एक बजकर 31 मिनट पर पुष्य नक्षत्र की शुरुआत होगी, जो 30 अक्टूबर को मध्यरात्रि में 12 बजकर 37 मिनट तक शनि पुष्य नक्षत्र महायोग रहेगा। ज्योतिषियों का मानना है कि पुष्य नक्षत्र पर किसी दूसरे ग्रह का बुरा प्रभाव नहीं रहता।
साढ़ेसाती और ढैय्या में फायदेमंद
शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है। शनि एक क्रूर ग्रह है, साढ़ेसाती और ढैय्या में प्रभावित व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष शनि पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। यह शनि की कृपा दिलाने वाला योग है। इस दिन शनि के निमित्त दान-पुण्य और धर्म-कर्म करने से विशेष लाभ मिलेगा।
स्थाई संपत्ति खरीदने के लिए सर्वश्रेष्ठ योग
ऐसा माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई सामग्री कभी नष्ट नहीं होती। पुष्य नक्षत्र के देवता भगवान श्री गणेश को माना गया है। इसी वजह से गणेशजी की भी कृपा भक्तों पर बनी रहती है। शनि देव को स्थाई संपत्ति के लिए कारक ग्रह माना जाता है। इसी कारण शनिवार स्थिर कार्यो के लिए श्रेष्ठ है। इसदिन स्थाई संपत्ति खरीदने से स्थाई लाभ प्राप्त होगा।
इस दिन क्या धर्म-कर्म करें-
जो व्यक्ति टेक्नोलॉजी या आइटी क्षेत्र, वाहन, लौहा, मशीनरी, न्याय क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें शनि के विशेष आराधना करनी चाहिए। इस दिन शनि देव को तेल चढ़ाएं और हनुमान चालिसा का पाठ करें। ऐसा करने पर सभी राशि वालों को शनि की कृपा प्राप्त होगी। इस दिन भूमि-भवन के नए सौदे विशेष फायदा देने वाले होंगे।
शनिवार के दिन पुष्य नक्षत्र योग होने से इस दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से त्रस्त लोगों का शनि आराधना का विशेष फल प्राप्त होगा। साथ ही इस किए गए धर्म-कर्म से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। वैसे तो हर 27 दिन में पुष्य नक्षत्र का योग बनता है परंतु दीपावली पूर्व आने वाला पुष्य नक्षत्र सबसे अधिक शुभ माना जाता है। यह योग जिस वार को आता है, उसके अनुसार फल प्रदान करता है।
कब बनेगा महायोग
29 अक्टूबर की मध्यरात्रि पश्चात रात में एक बजकर 31 मिनट पर पुष्य नक्षत्र की शुरुआत होगी, जो 30 अक्टूबर को मध्यरात्रि में 12 बजकर 37 मिनट तक शनि पुष्य नक्षत्र महायोग रहेगा। ज्योतिषियों का मानना है कि पुष्य नक्षत्र पर किसी दूसरे ग्रह का बुरा प्रभाव नहीं रहता।
साढ़ेसाती और ढैय्या में फायदेमंद
शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है। शनि एक क्रूर ग्रह है, साढ़ेसाती और ढैय्या में प्रभावित व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष शनि पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। यह शनि की कृपा दिलाने वाला योग है। इस दिन शनि के निमित्त दान-पुण्य और धर्म-कर्म करने से विशेष लाभ मिलेगा।
स्थाई संपत्ति खरीदने के लिए सर्वश्रेष्ठ योग
ऐसा माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई सामग्री कभी नष्ट नहीं होती। पुष्य नक्षत्र के देवता भगवान श्री गणेश को माना गया है। इसी वजह से गणेशजी की भी कृपा भक्तों पर बनी रहती है। शनि देव को स्थाई संपत्ति के लिए कारक ग्रह माना जाता है। इसी कारण शनिवार स्थिर कार्यो के लिए श्रेष्ठ है। इसदिन स्थाई संपत्ति खरीदने से स्थाई लाभ प्राप्त होगा।
इस दिन क्या धर्म-कर्म करें-
जो व्यक्ति टेक्नोलॉजी या आइटी क्षेत्र, वाहन, लौहा, मशीनरी, न्याय क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें शनि के विशेष आराधना करनी चाहिए। इस दिन शनि देव को तेल चढ़ाएं और हनुमान चालिसा का पाठ करें। ऐसा करने पर सभी राशि वालों को शनि की कृपा प्राप्त होगी। इस दिन भूमि-भवन के नए सौदे विशेष फायदा देने वाले होंगे।
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