गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

शिव पूजा में बिल्वपत्र से भी ज्यादा शुभ है यह फूल

शिव की उपासना में बिल्वपत्र का चढ़ावा बहुत ही शुभ और पुण्य देने वाला माना जाता है। धार्मिक आस्था है कि बिल्वपत्र का शिव को अर्पण जन्म-जन्मान्तर के पाप और दोषों का नाश करता है। वैसे भी शिव की पूजा में कुदरती सामग्रियों के चढ़ावे का महत्व है। जिनमें अनेक तरह-तरह के पेड़-पौधों के पत्ते, फूल और फल शामिल होते हैं।
शास्त्रों के मुताबिक इन फूल-पत्तों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनको शिव पूजा में चढ़ाना बिल्वपत्र से भी ज्यादा पुण्य और फलदायी है। इनमें ही एक है शमी के फूल और पत्ते। जानते हैं शमी के फूल-पत्ते शिव पर चढ़ाना कितना शुभ है?
धार्मिक महत्व की दृष्टि से शिव को चढ़ाने जाने वाले फूलों का फल इस तरह है कि-
एक आंकडे का फूल चढऩा सोने के दान के बराबर फल देता है,
एक हजार आंकड़े के फूल के बराबर एक कनेर का फूल फलदायी,
एक हजार कनेर के फूल के बराबर एक बिल्वपत्र फल देता है,
हजार बिल्वपत्रों के बराबर एक द्रोण या गूमा फूल फलदायी,
हजार गूमा के बराबर एक चिचिड़ा,
हजार चिचिड़ा के बराबर एक कुश का फूल,
हजार कुश फूलों के बराबर एक शमी का पत्ता,
हजार शमी के पत्तो के बराकर एक नीलकमल,
हजार नीलकमल से ज्यादा एक धतूरा और
हजार धतूरों से भी ज्यादा एक शमी का फूल शुभ और पुण्य देने वाला होता है।
इस तरह शमी का फूल शिव को चढ़ाना शिव भक्ति से तमाम मनचाही कामनाओं को पाने का सबसे श्रेष्ठ उपाय है।

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