शनिवार, 26 मार्च 2011

भागवत-२१७- उसी का नाम अभिमान है

भागवत का दसवां स्कंध दो भागों में है। पूर्वाद्र्ध में 49 अध्याय हैं। उत्तरार्ध में 50वें अध्याय से लेकर 90 अध्याय तक प्रसंग हैं। यदि भागवत कथा सात दिन के अनुसार रहे तो इस समय पांचवे दिवस की कथा चल रही है। पांचवे दिन की कथा दसवें स्कंध के 54वें अध्याय में समाप्त होती है जहां भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मिणीजी के साथ विवाह होता है।कृष्ण के वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने से पहले कंस और उसके जीवन को समझना आवश्यक है। कंस हिंसा का प्रतीक है। हिंसा अभिमान और अधर्म के पक्ष से हो तो वह कंस को ही जन्म देगी। कंस की दो पत्नियां हैं, यहां से हम अधर्म और हिंसा को बेहतर समझ सकते हैं। कंस अधर्म और हिंसा का प्रतीक था सो उसकी जीवन संगिनियां भी वैसी ही थीं, जो उसके इस अवगुण को बढ़ावा दे।
कंस की अस्ति और प्राप्ति नामक दो पत्नियां थीं। कंस यानी अभिमान होता है। हिंसक: एव कंस: इति उच्यते-जो हिंसा करे, उसका नाम कंस है। वह हिंसा ऐसे करता है कि किसी वस्तु को देश, काल से परिच्छिन्न करके मैं बना लेता है। उसी का नाम अभिमान है। 'अभि तो मान: परिणाम:- जिसके चारों ओर मान हो, परिमाण अलग-थलग कर देता है। अपने चारों ओर चहारदीवारी बनाकर कहता है-अहं ब्राह्मण:, क्षत्रियो न भवामिमैं ब्राह्मण हूं क्षत्रिय नहीं हूं,-त्वं क्षत्रिय:, मत्तो भिन्न:-तू क्षत्रिय है, मुझसे भिन्न है आदि। अभिमान केवल जाति का ही नहीं कुल का, कर्म का, विद्या का, बुद्धि का-अनेक प्रकार का होता है और परिच्छेदन ही इसका नाम है। यह अभिमान बड़ा भारी हिंसक होता है। अब कंस की अस्ति और प्राप्ति नामक दोनों पत्नियों का स्वरूप देखो। अस्ति यानी इतना तो हमारे पास है, इतने के हम मालिक हैं और प्राप्ति यानी आगे इतना और प्राप्त करेंगे।
इसी में अभिमानी लगा रहता है।यहां से दशम स्कंध का उत्तरार्ध आरम्भ होता है। कंस को यमलोक पहुंचा देने के बाद ब्रजवासी सुखी हो गए। उस पर राजा उग्रसेन के राज्य में सब भांति सुख था, किन्तु कंस की पत्नियां दुखी थीं। उन्होंने अपने पिता जरासंध को जाकर ये सारी बातें कहीं। जरासंध को सहन नहीं हुआ। उसने अपने हितचितन्कों को सूचना दी, राजाओं को एकत्रित किया और मथुरा पर आक्रमण कर दिया।उसने यह निश्चय करके कि मैं पृथ्वी पर एक भी यदुवंशी नहीं रहने दूंगा, युद्ध की बहुत बड़ी तैयारी की और तेईस अक्षौहिणी सेना के साथ यदुवंशियों की राजधानी मथुरा को चारों ओर से घेर लिया।
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