कहते हैं कृष्ण जी सोलह कलाओं से परिपूर्ण हैं। श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय वस्तु में से एक है बांसुरी। कृष्ण जब बांसुरी बजाते थे तो पूरा गोकुल मुग्ध होकर उनकी बांसुरी सुना करता था। इसीलिए बांसुरी को सम्मोहन खुशी व आकर्षण का प्रतीक मानी गई है । इसीलिए हर कोई इस संगीत की तरफ सहज ही आकर्षित हो जाता है।ऐसी मान्यता है कि घर में बांसुरी जरूर रखना चाहिए क्योंकि बांसुरी रखने से घर से कई तरह के वास्तुदोष दूर होते हैं।बांसुरी में से गुजर कर नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक उर्जा में बदल जाती है।
बांस के तने, बांसुरी छत के बीम की नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव को रोकने में कारगर हैं। इससे आपके घर का माहौल खुशनुमा रहेगा।साथ ही बांसुरी शांति व समृद्धि कर प्रतीक है। घर के मुख्य द्वार के समीप बांसुरी लटकाएं। इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा में बढऩे लगती है। घर में सुबह-शाम शंख घंटी के साथ अगर बांसुरी भी बजाएं तो इसकी मधुर आवाज से प्राणिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
बांस के तने, बांसुरी छत के बीम की नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव को रोकने में कारगर हैं। इससे आपके घर का माहौल खुशनुमा रहेगा।साथ ही बांसुरी शांति व समृद्धि कर प्रतीक है। घर के मुख्य द्वार के समीप बांसुरी लटकाएं। इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा में बढऩे लगती है। घर में सुबह-शाम शंख घंटी के साथ अगर बांसुरी भी बजाएं तो इसकी मधुर आवाज से प्राणिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें