बुधवार, 22 जून 2011

टिफिन पैक करने से पहले खाने को जूठा करना चाहिए क्योंकि...

भोजन हमारे जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है। इसीलिए भोजन बनाते समय व भोजन ग्रहण करते समय भी हम अनेक मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते है। हमारे यहां ऐसी कई परंपराएं है जिन्हें अधिकांश लोग अंधविश्चास मानकर टाल देते हैं।
ऐसी ही एक परंपरा है किसी के लिए भी यदि टिफिन या किसी भी तरह का खाना पहुंचाया जाता है। उस भोजन का भोग पहले भगवान को लगाने के बाद उसे चखा जाता है या झूठा करके भेजा जाता है।
दरअसल ऐसी मान्यता है कि ऐसा ना करने पर पितृदोष लगता है। साथ ही भोजन को करने वाले को उस भोजन से पूरी ऊर्जा नहीं मिलती है। इसका कारण यह है कि जब भोजन को बिना झूठा किए ले जाया जाता है तो ब्रह्माण्ड में उपस्थित नकारात्मक शक्तियां उसे प्रभावित करती हैं। इस मान्यता के पीछे वही कारण है जो आचमन करने के पीछे है। ज्योतिषीय मान्यता है कि यदि भोजन को घर से बाहर भेजने से पहले झूठा नहीं किया जाता तो कई तरह की नकारात्मक शक्तियां उसे प्रभावित करती हैं।
उस भोजन के बाद मन में सकारात्मक विचार कम आते हैं और नकारात्मकता बढऩे लगती है। साथ ही इसका एक फायदा यह भी होता है कि भेजने वाला उस खाने को किसी अतिथि या महत्वपूर्ण व्यक्ति को भेजने से पहले चख लेता है। इससे भोजन में किसी भी तरह की कमी होने पर उसके स्वाद में सुधार लाया जा सकता है ताकि भोजन करने वाला पूरी रूचि से भोजन करे। इसी कारण यह मान्यता है कि घर से बाहर ले जाने से पहले खाने का भोग भगवान को लगाकर उसे झूठा जरूर करना चाहिए।

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