बुधवार, 22 जून 2011

शनिवार को क्यों नहीं खरीदना चाहिए जूते-चप्पल?

सप्ताह के सात दिनों में शनिवार ही एक ऐसा वार है जिस दिन से जुड़ी सबसे ज्यादा मान्यताएं हैं। दरअसल इसका कारण यह है कि शनिदेव को ज्योतिष के अनुसार न्यायधीश माना गया है। माना जाता है जब शनि जब किसी के विपरित होता है तो उस व्यक्ति को जी-तोड़ मेहनत के बाद भी फल थोड़ा ही मिलता है। जिसकी कुंडली में साढ़े साती, ढैया हो, या जिसकी राशि में शनि अच्छे स्थान पर न हो, उसे यह खास परेशानी होती है।
हमारे शरीर के अंग भी ग्रहों से प्रभावित होते हैं।त्वचा (चमड़ी) और पैर में शनि का वास माना जाता है, इनसे संबंधित चीजें शनि के लिए दान की जाती हैं और इनकी बीमारियां भी शनि से संबंधित होती हैं।चमड़ा और पैर दोनों ही शनि से प्रभावित होते हैं। कहते हैं शनिवार के दिन चमड़ा खरीदने से शनि देव रूठ जाते हैं।
इस दिन यदि घर में चमड़ा लाया जाता है तो घर में दरिद्रता और रोगों का निवास होता है। इस कारण चमड़े के जूते अगर शनिवार को चोरी हो जाएं तो मानना चाहिए कि हमारी परेशानी कम होने जा रही हैं। शनि अब ज्यादा परेशान नहीं करेगा। कई लोग इसी कारण से शनिवार को शनि मंदिरों में जूते भी छोड़कर आते हैं ताकि शनि उनके कष्ट कम कर दें। इसीलिए कष्ट और रोगों से बचने के लिए शनिवार के दिन नए चप्पल व जूते नहीं खरीदना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें