इन्हें देखते ही लोग दौड़ पड़ते हैं और एकबारगी तो इनको अमिताभ बच्चन ही समझ लेते हैं। लोग हाथ आगे बढ़ाकर कहते हैं, आटोग्राफ प्लीज। फ्रेंच कट दाढ़ी, कानों को छूते बाल, काले फ्रेम वाला चश्मा और प्रिंस सूट पहने फोटो में नजर आ रहा यह व्यक्ति जब पहली बार किसी के सामने खड़े होता है तो ऐसा लगता है मानो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन स्वयं खड़े हों। रायपुर के रवीनगर में रहने वाले थोक दवा व्यापारी अशोक मालू की यही पहचान है। पहली नजर में उन्हें देखकर अक्सर लोग धोखा खा जाते हैं और उन्हें अमिताभ बच्चन समझ बैठते हैं। अशोक के चेहरे और उनके कपड़े पहनने का अंदाज ही ऐसा है कि अक्सर लोगों को धोखा हो जाता है। इन दिनों उनके घर पर बिग बी के फैंस की भीड़ लगी रहती है। कोई उनसे ऑटोग्राफ लेने पहुंचता है तो कोई साथ खड़े होकर फोटो खिंचवाना चाहता है। अशोक मालू कहते हैं कि वे बिग बी से मिलने के लिए प्रयासरत हैं। पूरी उम्मीद है कि एक बार अपने ‘आदर्श नायक’ से मिलने का मौका मिल जाएगा। अशोक की पत्नी किरण मालू और उनके परिजन भी उनके हूबहू अमिताभ की तरह नजर आने की बात सोचकर रोमांचित हो जाते हैं। अशोक मालू वर्ष 2011 से ही फ्रेंच कट दाढ़ी रख रहे हैं और उन्हीं के स्टाइल में कपड़े भी पहनते हैं। अमिताभ की तरह दिखने की दीवानगी ने ही उन्हें ‘रायपुर के अमिताभ’ के रूप में पहचान भी दिलाई है। अशोक अपने पास आने वाले बिग बी के प्रशंसकों का आभार भी जताते हैं। वे कहते हैं कि लोगों का प्यार और अमिताभ बच्चन के प्रति अगाध सम्मान देखकर वे अभिभूत हैं। हमने उनसे हर पहलूओं पर बेबाक बात की। प्रस्तुत है बातचीत के अंश -
प्र. आपको कब एहसास हुआ कि आपकी छबि अमिताभ बच्चन से मिलती है?
उ. सन 2008 में जब मै एक कालेज के प्रोग्राम में गया था तो मुझसे मेडिकल के छात्रों ने आटोग्राफ मांगा। तब मुझे एहसास हुआ की मेरा चेहरा अमिताभ जी से मिलता है। वह मेरी शुरुआत थी जो अब चरम पर है।
प्र. क्या आप बच्चन साहब को फॉलो करते हैं?
उ. कोशिश करता हूँ। वो महान शख्सियत है, फिर भी उनका आचरण, व्यवहार, चालढाल और कल्चर को अपनाने की कोशिश करता हूँ।
प्र. आपको ज्यादा खुशी कब मिलती है?
उ. जब लोग मुझे अमिताभ बच्चन के रूप में प्यार लुटाते हैं। मै जहां जाता हूँ, भीड़ जुट जाती है तब मुझे अपार स्नेह का एहसास होता है और बहुत ही खुशी मिलती है।
प्र. क्या आप कभी अमिताभ जी से मिले हैं?
उ. हाँ सन 1980 में मौका मिला था, मुझे उनसे मिलने की बड़ी ख्वाहिश है। ‘कौन बनेगा करोड़पती’ के सेट पर भी गया था और करीब भी रहा। पर मैंने ऐसे समय में मंच पर जाना उचित नहीं समझा।
प्र. कोई सुखद क्षण, जो आपको रोमांचित करता हो?
उ. हाँ जब लोग मुझे घेर लेते है और प्यार लुटाते है, आटोग्राफ मांगते है तब मुझे सुखद एहसास की अनुभूति होती है।
प्र. ऐसा कोई अनुभव बताइये, जब आपके सामने असमंजस की स्थिति बनी हो?
उ. सन 2011 में एक बार ऐसी स्थिति बनी थी। गायक शब्बीर कुमार आये थे ‘मुकतांश मंच पर’। जब हम स्टेज से उतरे तब लोगो ने मुझे घेर लिया फोटो खिचाने के लिए। साथ में मेरी पत्नी भी थी। मै फोटो खिचाने लगा और मेरी पत्नी थोड़ी देर इन्तजार करने के बाद घर चली गई। उस समय मुझे मिश्रित हर्ष का अनुभव हुआ था।
प्र. अब आप छत्तीसगढ़ के अमिताभ कहे जाते है, बच्चो में आपकी क्या छबि है?
उ. बच्चे तो मुझे अमिताभ ही समझते है। रोज 20-25 बच्चे स्कूल से वापस आते समय रोड को छोड़कर मेरी शाप वाली गली से आते हैं, सिर्फ इसलिए कि हाथ मिला सकें। मुझे बहुत ही खुशी होती है।
प्र. ऐसा कोई तमन्ना है मन में जो करना चाहते हैं?
उ. हाँ मूक बधिर, नि:शक्तजनों के लिए कुछ करना चाहता हूँ। ऐसी एक संस्था है ‘मनोहर बाल संस्थान’, वहां जाता रहता हूँ।
प्र. क्या आप फिल्मो में जाना चाहेंगे या मौका मिले तो काम करेंगे?
उ. नहीं फिल्मो में काम करने की इच्छा नहीं है। छत्तीसगढ़ी और हिंदी फिल्मो में काम करने का तो ऑफर मिला है, पर मै अमिताभ जी की छवि को भुनाना नहीं चाहता।
प्र. अमिताभ की स्टाइल में कब से है?
उ. 2008 में मेरी तबियत खराब हो गई थी। जिसकी वजह से कुछ दिन मैंने अपनी शेव नहीं बनवाई। तबीयत ठीक होने के बाद घर के लोगों ने कहा कि अब तो आप ठीक हो गए हो इसलिएअपनी शेव भी बना लो। शेव बनाते मैंने सोचा कि क्यों न दाढ़ी अमिताभ जैसी स्टाइल में बनाई जाए। इसके बाद मुझे यह बात महसूस हुई कि मेरी शक्ल अमिताभ से मिलती है। तब से लेकर आज तक मैं उसी स्टाइल में रहता हूं।
मजेदार वाक्या
श्री मालू ने बताया कि कुछ दिन पहले वह किसी काम से रेलवे स्टेशन गए हुए थे। तब लड़कियों की एक टोली ने उनको दूर से देखा और उनकी गाड़ी का नंबर लिखकर, आरटीओ से यह जानकारी प्राप्त की कि यह गाड़ी किसकी है? इसके बाद कुछ लड़कियां श्री मालू से मिलने उनके ऑफिस पहुंच गई। उनमें से एक लड़की ने उनसे कहा कि क्या आपका कोई बेटा है? यदि हां तो मैं आपके बेटे से शादी करना चाहती हूँ। महानायक के हमशकल ने पूछा कि क्यों तुम मेरे बेटे से शादी करना चाहती हो? तब उस लड़की का कहना था कि मैं अमिताब बच्चन के परिवार की बहू तो नहीं बन सकती, लेकिन उनके ‘डुप्लीकेट’ के घर की बहू जरुर बनना चाहूँगी। ऐसे ही बहुत से वाक्ये उन्होंने बताए। शुक्रवार को ही उनके निवास पर 1977-78 में हलधर किसान पार्टी के विधायक रहे भोलू राम डहरिया उनके घर के बाहर 2 घंटे तक उनसे मिलने के लिए उनका इंतजार करते रहे। हालांकि भोलू राम की उम्र 70 से ज्यादा है,इसलिए उनकी आंखों की रोशनी भी थोड़ी कमजोर हो गई है। यही कारण है कि श्री मालू को वह असली अमिताभ समझ रहे थे और उनको किसी ने उनसे यह कह दिया था कि अमिताभ रायपुर आए हुए हैं तो वह उनसे मिलने पहुंच गए।
अरुण कुमार बंछोर
(वरिष्ठ पत्रकार, रायपुर)
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