मीठी-मीठी यादों को पलकों में सजा लेना
साथ गुजारे पल को पलकों में बसा लेना
दिल को फिर भी न मिले सुकून तो
मुस्कुरा के मुझे अपने सवाप्नो में बुला लेना ....!
"शुभ-रात्रि "
हर रात में आपके पास उजाला हो
हर कोई आपका चाहने वाला हो
रात गुजर जाये उनके सपनों के सहारे
ऐसा कोई आपके स्वप्नों को सजाने वाला हो ...!
" शुभ-रात्रि "
सितारे चाहते है कि रात आये
हम क्या लिखे कि आपका जबाब आये
सितारों जैसी चमक तो नही मुझमे
हम क्या करे कि आपको मेरी याद आये ..!
"शुभ-रात्रि "
उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती है
उसकी प्यारी आँखे हमे दुनिया भुला देती है
आएगी आज भी वो मेरे स्वप्नों में यारों
बस यही उम्मीद हमे रोज़ सुला देती है ...!
"शुभ-रात्रि "
आँखों ही आँखों में बात होने दो
मुझे मीठे-मीठे सपनो में सो जाने दो.!!
शुभ रात्री साथियों,
मुझे मीठे-मीठे सपनो में सो जाने दो.!!
शुभ रात्री साथियों,
आपको प्यार करने से दर लगता है
आपको खोने से डर लगता है
कही आँखों से गम न हो जाये यादे
अब सोच रात को सोने से डर लगता है .!
शुभ रात्रि
गम ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली तब
नीद आई तो तेरी याद ने सोने नही दिया ..!
शुभ रात्रि
लोग न जाने किस तरह की रंगीन रातों की चाहत रखा करते है
मेरी रात तो वही सुन्दर जो अपनों के ख्यालो में बिता करते है ...!
शुभ रात्रि
कीताब पढ़ने के लिए होती है उसमे सिर्फ़ तकते हो क्यों
रात सोने के लिए होती है ऱोज देर रात जगते हो क्यों ..!
शुभ रात्रि
आपको खोने से डर लगता है
कही आँखों से गम न हो जाये यादे
अब सोच रात को सोने से डर लगता है .!
शुभ रात्रि
गम ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया
थक के जब सितारों से पनाह ली तब
नीद आई तो तेरी याद ने सोने नही दिया ..!
शुभ रात्रि
लोग न जाने किस तरह की रंगीन रातों की चाहत रखा करते है
मेरी रात तो वही सुन्दर जो अपनों के ख्यालो में बिता करते है ...!
शुभ रात्रि
कीताब पढ़ने के लिए होती है उसमे सिर्फ़ तकते हो क्यों
रात सोने के लिए होती है ऱोज देर रात जगते हो क्यों ..!
शुभ रात्रि
सुन्दर मधुर स्वप्नों की बारात गुजर गयी यारा
बातों ही बातों में देखो आधी रात गुजर गयी यारा ..!
शुभ रात्रि
हवा से लिपटी हुई सिसकियों से लगता है, मेरी "दर्द" की कहानी किसी और ने भी दोहराई ...
दोस्ती के खातिर ही सही, देर अब न लगा "शुभ संध्या" बोल दे मेरे भाई ....!
आप इस तस्वीर की ख़ूबसूरती को निहारते रहिये
हो गयी है अर्धरात्रि,मुझे शुभ रात्रि कहते रहिये ...!
बातों ही बातों में देखो आधी रात गुजर गयी यारा ..!
शुभ रात्रि
हवा से लिपटी हुई सिसकियों से लगता है, मेरी "दर्द" की कहानी किसी और ने भी दोहराई ...
दोस्ती के खातिर ही सही, देर अब न लगा "शुभ संध्या" बोल दे मेरे भाई ....!
आप इस तस्वीर की ख़ूबसूरती को निहारते रहिये
हो गयी है अर्धरात्रि,मुझे शुभ रात्रि कहते रहिये ...!
उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती है
उसकी प्यारी आँखे हमे दुनिया भुला देती हैआएगी आज भी वो मेरे स्वप्नों में यारों
बस यही उम्मीद हमे रोज़ सुला देती है ...!
शुभ रात्रि
गुड नाईट को बोली हूँ पहले उनको सुला के आओ
फिर धीरे से, हौले से मेरी आँखों में बश जाओ ...!
शुभ रात्रि ...!
फिर धीरे से, हौले से मेरी आँखों में बश जाओ ...!
शुभ रात्रि ...!
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