पात्र के अनुसार कलाकारों का चयन हो - विनय अम्बष्ड
छत्तीसगढ़ी फिल्मो के खलनायक के रूप में तेजी से उभरे अम्बिकापुर के विनय अम्बष्ड का कहना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मो में मौलिकता और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की कमी झलकती है। यही नहीं कलाकारों का चयन
भी पात्रों के अनुसार होना चाहिए। विनय अम्बष्ड ने थियेटर से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी और आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों का एक जाना पहचाना नाम बन गया है। उन्होंने बॉलीवुड की दो फिल्मे कर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है। अब वे लगातार फिल्मे ही करते रहना चाहते हैं। दैनिक सन स्टार ने उनसे हर पहलुओं पर बात की।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। जब मै पांच साल का था तब पहली फिल्म देखा था ,तब से कुछ अलग करने की सोच ली थी। मन में लगन हो तो सब संभव है। मैंने थियेटर ज्वाइन किया और आज इस मुकाम पर हूँ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये दिखती है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में अपनी संस्कृति और मौलिकता की कमी झलकती है। कलाकारों का चयन भी पात्रों के अनुसार नहीं होता क्योकि निर्माता सबसे पहले फाइनेंसर की तलाश में होता है। जो पैसा लगाता है वो कलाकार बन जाता है।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मै थियेटर से आया हूँ। मेरी पहली फिल्म एक हॉरर फिल्म है। सही मायने में मेरी पहली फिल्म सरपंच है जो बड़े परदे पर सफल रही है। पंकज कपूर मेरे आदर्श हैं। फिल्म राजा छत्तीसगढिय़ा ने मुझे छत्तीसगढ़ में अभिनेता के तौर पर पहचान दी है और अभी मेरे पास धर्मेन्द्र चौबे की करवट तथा बही तोर सुरता मा जैसे फिल्मे हैं।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चला था। इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। लगातार काम करूंगा।
0 छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00 मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। मैं किसी भी भाषा की फिल्म हो जरूर करूंगा।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये , टाकिजों में छत्तीसगढ़ी फिल्म दिखाना अनिवार्य करे। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आप फिल्मो में भूमिका को लेकर कैसा महसूस करते हैं ?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करता हूँ। उसमे पूरी तरह से डूब जाता हूँ।
0 रिल और रियल लाइफ में क्या अंतर है?
00 रिल और रियल लाइफ में बहुत अंतर है। रील लाइफ काल्पनिक होता है और रियल लाइफ में सच्चाई होती है।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWpFjzXk9H58xviKhLyqBunbcwBC9gmOHWHu_krzoa_fgkLcwlkxTnjkxgP5gsy27vSa43wX_rvLjHDlo1UJxGot1DKk7wcdElYltfywmwUVVaj_dqI8D_2_92JpG6xZ7eZ1EL1-gbCZoO/s320/vinay+ambasd+1.jpg)
भी पात्रों के अनुसार होना चाहिए। विनय अम्बष्ड ने थियेटर से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी और आज छत्तीसगढ़ी फिल्मों का एक जाना पहचाना नाम बन गया है। उन्होंने बॉलीवुड की दो फिल्मे कर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है। अब वे लगातार फिल्मे ही करते रहना चाहते हैं। दैनिक सन स्टार ने उनसे हर पहलुओं पर बात की।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। जब मै पांच साल का था तब पहली फिल्म देखा था ,तब से कुछ अलग करने की सोच ली थी। मन में लगन हो तो सब संभव है। मैंने थियेटर ज्वाइन किया और आज इस मुकाम पर हूँ।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये दिखती है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।यहां फिलहाल दर्शकों की कमी है। लोगो में अपनी भाषा के प्रति वो रूचि नहीं है जो होनी चाहिए और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है?
00 क्योकि यहां की फिल्मो में अपनी संस्कृति और मौलिकता की कमी झलकती है। कलाकारों का चयन भी पात्रों के अनुसार नहीं होता क्योकि निर्माता सबसे पहले फाइनेंसर की तलाश में होता है। जो पैसा लगाता है वो कलाकार बन जाता है।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 एक्टिंग मैंने खुद से सीखा है। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है। मै थियेटर से आया हूँ। मेरी पहली फिल्म एक हॉरर फिल्म है। सही मायने में मेरी पहली फिल्म सरपंच है जो बड़े परदे पर सफल रही है। पंकज कपूर मेरे आदर्श हैं। फिल्म राजा छत्तीसगढिय़ा ने मुझे छत्तीसगढ़ में अभिनेता के तौर पर पहचान दी है और अभी मेरे पास धर्मेन्द्र चौबे की करवट तथा बही तोर सुरता मा जैसे फिल्मे हैं।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चला था। इसी लाईन पर काम करता रहूंगा। लगातार काम करूंगा।
0 छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00 मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है। मैं किसी भी भाषा की फिल्म हो जरूर करूंगा।
0 सरकार से आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड की मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये , टाकिजों में छत्तीसगढ़ी फिल्म दिखाना अनिवार्य करे। छत्तीसगढ़ी फिल्मो को सब्सिडी दें ताकि कलाकारों को भी अच्छी मेहनताना मिल सके।
0 आप फिल्मो में भूमिका को लेकर कैसा महसूस करते हैं ?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करता हूँ। उसमे पूरी तरह से डूब जाता हूँ।
0 रिल और रियल लाइफ में क्या अंतर है?
00 रिल और रियल लाइफ में बहुत अंतर है। रील लाइफ काल्पनिक होता है और रियल लाइफ में सच्चाई होती है।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 छालीवुड में कुछ करके दिखाना चाहता हूँ। अब लगातार फिल्मो में ही काम करते रहने की तमन्ना है।
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