बुधवार, 31 मार्च 2010

खुशी बाहर नहीं, हमारे मन में होती है


अब तक रिजल्ट आ चुके हैं। जिन्होंने परीक्षा में अच्छा किया था उनका रिजल्ट भी अच्छा आया होगा। जिन्होंने अच्छे पर्सेंटाइल पाए उन्हें खूब बधाई और जिन्हें नहीं मिले वह भी निराश न हों, एक बार फिर नए सिरे से प्रयास में लग जाएँ क्योंकि किसी ने ठीक ही कहा है 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'।
नया सेशन अब शुरू हो रहा है। अच्छे रिजल्ट पर जो खुश हैं उन्हें अगली परीक्षा में भी इसी तरह के रिजल्ट के लिए सालभर मेहनत करना होगी। स्पेक्ट्रम के कुछ पाठक अभी से इंजीनियरिंग और मेडिकल इंट्रेंस की तैयारी में लग गए होंगे। यह जरूरी है कि जल्दी लक्ष्य तय करो और फिर उसे पाने के लिए अपनी तरफ से खूब मेहनत करो। जो लगातार मेहनत करता है सफलता उसे ही मिलती है।
छुट्‍टी खत्म होते ही हम तुम्हें डरा नहीं रहे हैं बल्कि बता रहे हैं कि एक दिन में कोई अच्‍छा काम नहीं होता। उसके लिए गातार कोशिश करना होती है। तो तुम भी अभी से लक्ष्य तय करके चलना। बीच-बीच में स्पेक्ट्रम आपके लिए नए-नए विषय लेकर आती रहेगी। हम आपको आपके लक्ष्य की याद दिलाते रहेंगे और साथ ही आसपास क्या नया हो रहा है उस बारे में भी बातें होती रहेंगी। तो स्पेक्ट्रम के साथ मजे में रहो।

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