शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

फिल्मो में काम को महत्त्व देते है धर्मेन्द्र सोनी

छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में धर्मेन्द्र सोनी का अपना वजूद है। उनका कहना है फिल्मो में वे काम को महत्त्व देते है पैसों को नहीं। पैसा कमाना उनका मकसद नहीं है , वे चाहतें है की बॉलीवुड की तरह छालीवुड फिल्मो को भी महत्त्व मिले। धर्मेन्द्र को फिल्मो में हर प्रकार की भूमिका पसंद है। थियेटर से काम शुरू करने वाले धर्मेन्द्र आज अभिनेता के साथ साथ फाइट मास्टर भी बन गए हैं। उनसे हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
0 छालीवुड की क्या सम्भावनाये दिखती है?
00 बेहतर है। आने वाले समय में यहां की फिल्मे बॉलीवुड की तरह ही चलेंगी।
0 अभी तो फिल्मे ज्यादा नहीं चल पाती है?
00 ऐसा नहीं है फिल्मे चलती है। छत्तीसगढ़ में दर्शकों की कमी है और जो दर्शक है उनकी रुझान हिन्दी फिल्मो की ऑर है।
0 तो छालीवुड की फिल्मे दर्शकों को क्यों नहीं खीच पा रही है? 
00 जल्दी जल्दी फिल्मे आने से दर्शको का मन भंग हो जाता है। राजा छत्तीसगढ़िया को देखिये कैसी भीड़ खींच रही है ही फिल्मो की जरुरत है दर्शको को। फिल्मो में कम से कम ३ माह का गेप होना चाहिए।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। नाटक से मै फिल्मो में आया हूँ। एक्टिंग में रूचि बचपन से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ इस क्षेत्र में ।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 पहले तो छोटे-छोटे रोल किया करता था। मया दे दे मया ले ले से मैंने कॅरियर की शुरुआत की थी। काफी संघर्ष किया। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चल रहा था।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00  मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है।
0 सरकार को आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार छालीवुड को मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये ताकि ताकिजो मालिकों की मनमानी खत्म हो जाए।
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 फिल्म काबूली पठान के रिलीज होने पर।उसमे मैंने विलेन की भूमिका निभाई है।
0 आप फिल्मो में भूमिका को लेकर कैसा महसूस करते हैं ?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो पहले गंभीरता से मनन करता हूँ।  हूँ की डायरेक्टर क्या चाहता है।
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होता।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म भी बॉलीवुड की बराबरी पर चले।

बुधवार, 12 अगस्त 2015

सभी प्रकार की भूमिका पसंद है केशव को

छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में केशव वैष्णव एक जाना पहचाना नाम है। अभी हाल ही ने प्रदर्शित उनकी फिल्म असली संगवारी बिलासपुर में रिकार्ड बनाने में सफल रही है। केशव का कहना है सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्मो को बढ़ावा दे ताकि देश के कोने कोने में इसका प्रदर्शन हो सके। छत्तीसगढ़ में फिल्मो का प्रदर्शन अनिवार्य किया जाए जिससे ताकिजो की मनमानी ख़त्म हो सके। केशव से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
0 फिल्म असली संगवारी को लेकर आपने क्या उम्मीद की थी?
00 यह फिल्म हमारी उम्मीदों पर खरा उत्तरी है। लो बजट की फिल्म है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। अब पूरे छत्तीसगढ़ के ताकीजों में लगाये जाएंगे।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। टीवी देख- देखकर मैं कलाकारों की नक़ल किया करता था। एक्टिंग में रूचि बचपन से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। मैं बहुत कुछ करना चाहता हूँ इस क्षेत्र में । मै कलाकारों को परदे पर देखता था तो मुझे अच्छा लगता था जिससे मुझे फिल्मो की और रुझान हुआ।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 पहले तो छोटे-छोटे रोल किया करता था। चंदू और चांदनी से मैंने कॅरियर की शुरुआत की थी। काफी संघर्ष किया। मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगे ?
00 हाँ ! शुरू से ही मै एक्टिंग को कॅरियर बनाने की सोचकर चल रहा था।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगे।
00  मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगा ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो। छोटे बड़े सभी रोल मुझे पसंद है।
0 सरकार को आपको क्या अपेक्षाएं हैं?
00 सरकार अभिभावक की भूमिका में आये और छालीवुड को मदद करे। टाकीज बनवाए, नियम बनाये ताकि ताकिजो मालिकों की मनमानी खत्म हो जाए। 
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 फिल्म असली संगवारी के रिलीज होने पर।
0 आप फिल्मो में भूमिका को लेकर कैसा महसूस करते हैं ?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ तो मुझे गर्व मेहसूस होता हैं की मैं अपने रोल को बखूबी से कर पा रहा हूँ। सभी करेक्टर का अध्ययन करता हूँ फिर कैमरे के सामने आता हूँ।
0 रील लाइफ और रीयल लाइफ में क्या अंतर है?
00 दोनों अलग अलग चीज है। रील लाइफ चुनौतीपूर्ण होती है उसमे कई करेक्टर होते है और रियल लाइफ में एक ही करेक्टर को जीना होता है।
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होता।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है  कि मै छत्तीसगढ़ी फिल्म को देश के कोने कोने में लोग देखे।

रविवार, 9 अगस्त 2015

नाम और शोहरत चाहती है अहाना

सफल अभिनेत्री बनने की तमन्ना है
छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में अहाना फ्राँसिस एक नया नाम है, लेकिन कला उनमे कूट-कूट कर भरा हुआ है। अहाना को फिल्मो में काम करने का जूनून है। वह कहती है कि उनकी तमन्ना एक सफल अभिनेत्री बनने की है पर वह सभी प्रकार की भूमिका निभाना चाहती ताकि उन्हें एक नया अनुभव हो। उन्हें छालीवुड में सिर्फ नाम और शोहरत चाहिए। लोगो का प्यार और तालियां मुझे मिला तो मुझे अपार खुशी होगी। अहाना से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश।
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। टीवी देख- देखकर मैं कलाकारों की नक़ल किया करती थी। अभी तो मेरे  कॅरियर की शुरुआत है । एक्टिंग में रूचि बचपन से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। मैं बहुत कुछ करना चाहती हूँ इस क्षेत्र में ।
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरी प्रेरणाश्रोत मेरी माँ अंजना फ्रांसिस ही है ही हैं । हर वक्त वो मेरे साथ होती है। अच्छे बुरे सभी पलों में मुझे उनका साथ मिला और मैं आत्मविश्वास से काम करने लगी । उन्होंने ही मुझे इस लाईन में काम करने के लिए प्रेरित किया है। बगैर परिवार के सहयोग के इस लाईन में काम करना संभव नहीं था । और मौका मुझे मनोजदीप के चलते मिला।
0 कभी आपने सोचा था की फिल्मो को ही अपना कॅरियर बनाएंगी ?
00 नहीं ! पर मुझे रुचि थी। मेरी माँ चाहती थी की परिवार से कोई इस क्षेत्र में आये। उनकी इच्छा से मैं फिल्मो में आई हूँ । उनका सपना मुझे पूरा करना है।
0  छालीवुड फिल्मो में आपको कैसी भूमिका पसंद है या आप कैसे रोल चाहेंगी।
00 वैसे तो मुझे लीड रोल करने की इच्छा है फिर भी मैं हर तरह की भूमिका निभाना चाहूंगी ताकि मुझे सभी प्रकार का अनुभव हो।
0 आपको फिल्मों में सबसे ज्यादा कौन पसंद है?
00 दीपिका पादुकोण , मैं उनकी एक्टिंग पर फि़दा हूँ। जब वो भूमिका में होती हैं तो एकदम सच लगता है।
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 जब पहली बार मुझे फिल्मो में काम मिला ।
0 आपने पहली फिल्म बेर्रा की है , तो आपको कैसा महसूस हुआ , कोई चूनौती तो नहीं ?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो मुझे गर्व मेहसूस होता हैं की मैं अपने रोल को बखूबी से कर पा रही हूँ। बेर्रा मेरी पहली फिल्म है। मुझे अपनी भूमिका अच्छा ही लगा। कोई चुनौती नहीं थी।
0 रील लाइफ और रीयल लाइफ में क्या अंतर है?
00 दोनों अलग अलग चीज है। रील लाइफ चुनौतीपूर्ण होती है उसमे कई करेक्टर होते है और रियल लाइफ में एक ही करेक्टर को जीना होता है।
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होती, क्योकि मेरे माता-पिता का प्यार साथ होता है।
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है  कि मै एक सफल अभिनेत्री बनूँ और खूब नाम और शोहरत कमाऊं । मैं अपने इस सपने को पूरा होते देखना चाहती हूँ।

मंगलवार, 4 अगस्त 2015

पतिव्रत भारतीय नारी शैव्या

पद्मपुराण में पतिव्रत शैव्या की कथा का विस्तार में वर्णन मिलता है। हिंदू पौराणिक ग्रंथ की इस कथा के अनुसार बहुत समय पहले प्रतिष्ठानपुर नामक नगर में कौशिक नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वह कोढ़ से पीढ़ित था। उसके रिश्तेदार उसे छोड़कर चले गए लेकिन उसकी पत्नी शैव्या उसे देवता के समान ही पूजती थी।
कौशिक बड़ा ही क्रोधी स्वभाव का था। वह शैव्या का अपमान करता लेकिन वह सुनती रहती। एक दिन कौशिक ने शैव्या से कहा, 'कुछ दिन पहले मैंने यहां एक सुंदर वैश्या को जाते देखा था। क्या तुम मुझे उसके पास ले चलोगी।'
यह सुकर शैव्या को क्रोध नहीं आया बल्कि वह पहले उस वैश्या के घर गई। वैश्या ने उससे कहा आधी रात को अपने पति को मेरे घर ले आना। यह सुनकर शैव्या अपने घर लौट आई।
रात के समय अपने पति को कंधे पर उठाकर शैव्या वैश्या के घर चल पड़ी। उसने रास्ते में देखा। मार्ग में एक सूली थी जिस पर चोरी के संदेह में माण्डव ऋषि को उस पर चढ़ा दिया था। हालांकि ऋषि अपनी मंत्र शक्ति से बच सकते थे लेकिन वह बचपन में चीटियों को कांटे चुभोया करते थे। वह जानते थे यह सजा उसी के फलस्वरूप मिली है।
वहां काफी अंधेरा था, जिसके चलते शैव्या के पति का पैर सूली से लग गया, जिससे सूली हिलने लगी और ऋषि का दर्द बढ़ गया। ऋषि ने शाप दिया, जिसने भी इस सूली को हिलाया है। सूर्य उदय होने से पहले उसकी मृत्यु हो जाए।
तब शैव्या बोली, 'हे ऋषि मेरे पति का पैर अनजाने में आपकी सूली से लग गया है। कृपया शाप वापस ले लें।' ऋषि ने मना कर दिया। तब शैव्या बोली, 'ऋषिवर आप शाप वापस ले लें अन्यथा कल सूर्य उदय नहीं होगा।' इतना कहकर वह अपने पति को वैश्या के घर की ओर ले जाने लगी।
पतिव्रता शैव्या के वचन के चलते सूर्य उदय नहीं हुआ। ऐसा कई दिनों तक चलता रहा। चारों तरफ तबाही का मंजर था। यह देख सभी देवतागण, ब्रह्माजी के पास पहुंचे। तब ब्रह्माजी ने कहा, शैव्या ही इस समस्या का निराकरण कर सकती हैं।
ब्रह्माजी पतिव्रता नारी शैव्या के पास पहुंचे। शैव्या ने ब्रह्माजी को बताया कि ऋषि अगर सूर्य उदय हुआ तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी। तब ब्रह्माजी बोले, तुम अपने वचन वापस ले लो, में तुम्हारे पति को स्वस्‍थ करके पुनः जीवित कर दूंगा। शैव्या ने ऐसा ही किया और अपने पति के प्राण भी बचा लिये। कौशिक जब स्वस्‍थ हुआ तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। इस तरह दोनों दंपत्ति सुखपूर्वक रहने लगे। तो ऐसी थीं पतिव्रत भारतीय नारी शैव्या।

रविवार, 2 अगस्त 2015

मॉडलिंग से अभिनय की ओर तान्या

सफल अभिनेत्री बनने की तमन्ना है
मिस ब्यूटीफूल फेश आफ सेन्ट्रल इंडिया तान्या तिवारी मॉडलिंग में अपना जादू बिखेरने के बाद अब फिल्मो में भाग्य आजमा रही है। भोजपुरी फिल्म इन्साफ की जंग में
बतौर अभिनेत्री काम कर रही तान्या की दिली ख्वाहिश एक सफल अभिनेत्री बनने की है। वह किसी भी बात को लेकर कभी निराश नहीं होती है। आइना के सामने डांस कर माधुरी की नक़ल करने वाली तान्या छत्तीसगढ़ी और हिन्दी फिल्मो में काम करने की इच्छा रखती है। एक्टिंग और डांस उनका शौक है। तान्या से हमने हर पहलूओं पर बेबाक बात की है। प्रस्तुत है बातचीत के संपादित अंश। 
0 आपको एक्टिंग का शौक कब से है ?
00 मुझे एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। पहले मै मॉडलिंग करती थी। मॉडलिंग से ही मैंने अपना कॅरियर की शुरुआत की। एक्टिंग में रूचि बचपन से ही था पर मौका नहीं मिल रहा था। 
0 फिर मौका कैसे मिला और आपके प्रेरणाश्रोत कौन है ?
00 मेरी प्रेरणाश्रोत मेरी माँ रश्मि तिवारी ही हैं । हर वक्त वो मेरे साथ होती है। अच्छे बुरे सभी पलों में मुझे उनका साथ मिला और मैं आत्मविश्वास से काम करने लगी । उन्होंने ही मुझे इस लाईन में काम करने को प्रेरित किया। 
0 मॉडलिंग से अभिनय की ओर आपका रुझान कैसे हुआ ?
00 मॉडलिंग तो शुरुवात है एक्टिंग मेरी रूचि रही है । मैं मूवी देखकर आती और आईना के सामने खड़े होकर डांस और एक्टिंग करती थी। 
0 मिस ब्यूटीफूल फेश आफ सेन्ट्रल इंडिया कैसे बनी 
00 बहुत तैयारी की थी। यह कॉम्पीटिशन मैंने रायपुर में ही जीती थी,तब से मुझे फिल्मो का ऑफर मिलाने लगा था। भोजपुरी फिल्म भी ऐसे ही मिली है। 
0 आपको फिल्मों में सबसे ज्यादा कौन पसंद है?
00 माधुरी दीक्षित , मैं उनकी एक्टिंग पर फि़दा हूँ। जब वो भूमिका में होती हैं तो एकदम सच लगता है। 
0 कोई ऐसा अवसर आया हो ,जब आप बहुत उत्साहित हुई हो?
00 मिस ब्यूटीफूल फेश आफ सेन्ट्रल इंडिया का खिताब जीतने पर । 
0 आपने पहली फिल्म की है , तो आपको कैसा महसूस होता है?
00 जब मैं कोई भूमिका निभाती हूँ तो मुझे गर्व मेहसूस होता हैं की मैं अपने रोल को बखूबी से कर पा रही हूँ। 
0 रील लाइफ और रीयल लाइफ में क्या अंतर है?
00 दोनों अलग अलग चीज है। रील लाइफ चुनौतीपूर्ण होती है उसमे कई करेक्टर होते है और रियल लाइफ में एक ही करेक्टर को जीना होता है। 
0 ऐसा कोई क्षण जब निराशा मिली हो?
00 कभी नहीं। मैं कभी निराश नहीं होती, क्योकि मेरी माँ मेरे साथ होती है। 
0 आपका कोई सपना है जो आप पूरा होते देखना चाहती हैं?
00 मेरा सपना है  कि मै एक सफल अभिनेत्री बनूँ और खूब नाम कमाऊं । मैं अपने इस सपने को पूरा होते देखना चाहती हूँ।