गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

पक्षियों का हैप्पी होम

जैसे हम इंसान अपनी पसंद और जरूरतों के हिसाब से अपना घर बनवाते हैं, ठीक वैसे ही पक्षी भी अपने घोंसलों का निर्माण करते हैं। कुछ पक्षियों के घोंसले पेड़ से लटकते रहते हैं, तो कुछ शाखाओं के बीच अपना आशियाना बनाते हैं। आओ जानें, पक्षियों के आशियाने के बारे में

बच्चो, दुनियाभर के पक्षी तरह-तरह से अपना घर बनाते हैं। इनमें से कुछ तो हमेशा के लिए घर बनाते हैं, लेकिन अधिकतर परिवार बढ़ने के समय या फिर मौसम से बचाव के लिए ही घर बनाते हैं। पर क्या तुम जानते हो कि अलग-अलग पक्षी अपना घर कैसे बनाते हैं और उनका बसेरा दिखने में कैसा लगता है। आइए जानें, कुछ घोसलों के बारे में:
बटेर, जंगली मुर्गी व अन्य चिड़िया जमीन पर जमा की गई कतरन, छीलन, घास, पत्तियों से घोंसले का निर्माण करती हैं।
कुछ पक्षी टहनियों के बीच में प्याले जैसा गड्ढा बना देते हैं और इस पर घास, फूस, सन, पंख आदि रखते रहते हैं। इस प्रकार का घोंसला पेड़ों, इमारतों या टीलों पर बनाया जाता है। कौवे, चील आदि के घोंसले इसी प्रकार बनते हैं।
खोखले पेड़ में, जीवित पेड़ों के तनों या सड़ी हुई लकड़ी को पोली करके घोंसले बनाए जाते हैं और इसमें मुलायम
चीज का पतला स्तर बिछा रहता है। इस प्रकार के घोंसले, गौरेये, कठफोड़वा, धनेश, उल्लू व बतखों के देखे जाते हैं।
जमीन के किनारे पर बनी सुरंगों, मकानों के छज्जों तथा टीलों आदि पर घोंसले गौरिल्ला, मीनरंक और हूप आदि पक्षियों के देखे जाते हैं। ये पक्षी चोंच से मिट्टी खोदकर और पैरों से हटाकर सुरंग बनाते हैं, जो मिट्टी के कटाव में या पानी में एक किनारे खुलते हैं। ये सुरंगें कुछ इंच से लेकर कई फुट तक होती हैं।
मिट्टी से बनाए जाने वाले घोंसले कस्तूरा, अबाबील और मार्टियल के देखे जाते हैं। अबाबील अपना घोंसला थोड़ी-थोड़ी मिट्टी लाकर बनाती है। मिट्टी की पहली परत सूख जाने पर उस पर और मिट्टी डाल देती है।
एक घोसला ऐसा होता है, जिसमें दो शाखाओं के बीच में घास तथा रेशों का प्यालेनुमा घोसला, जिस पर मकड़ी के जाल का प्लास्टर-सा चढ़ा रहता है। ऐसे घोंसले फ्लाईकैचर, ओरिओर, फुदकी, कुक्कू आदि पक्षियों के देखे जाते हैं।
लटकने वाले घोंसले बपा, सूर्यपक्षी तथ फूलचुकी के देखे जाते हैं। सूर्यपक्षी का घोंसला जमीन से कुछ ऊपर लटकने वाली पतली डाली के सिरे पर बना होता है।

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