गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

क्या है विष्णु के 24 अवतारों का रहस्य?

हिन्दू धर्म ग्रंथों में अनेक देवी-देवताओं के अवतार बताए गए हैं। जिनमें विष्णु, शिव, शक्ति, गणेश आदि देवताओं ने अलग-अलग अवतारों से जगत के दु:खों का अंत किया। किंतु हम यहां मात्र भगवान विष्णु जिनको जगत का पालन करने वाले देवता माना जाता है, के 24 अवतारों के पीछे छुपे रहस्य को जानते हैं -

दरअसल अवतार का शाब्दिक अर्थ होता है ऊपर से नीचे आना या उतरना। इसी तरह धर्म का सरल शब्दों में मतलब होता है - जिंदगी को चलाने के लिए नियत की गई धर्म व्यवस्था या तंत्र। जिसके द्वारा जगत में रहने वाले किसी भी प्राणी को नुकसान पहुंचाए बिना जीवन जीने के सूत्र बताए जाते है। किंतु जब कोई व्यक्ति या प्राणी मर्यादा, गरिमा, नियमों को तोड़कर जगत को दु:ख और कष्ट देता है। तब यही स्थिति धर्म हानि के रुप में देखी जाती है। इसी व्यवस्था की रक्षा और बुराई के नाश के लिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग युगों में देव अवतार हुए।
हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के अवतारों से धार्मिक आस्था जुड़ी है। इसलिए अलग-अलग काल और रूप में 24 अवतारों का महत्व बताया गया है।
वैसे भी धार्मिक आस्था से कहा जाता है कि कण-कण में भगवान बसें हैं। इस नजरिए से मानव भी देव अवतार ही है। विष्णु के 24 अवतारों का गुढ़ संदेश यही है कि स्वार्थ भावना को छोड़कर कर्म, धर्म और दायित्व का पालन करें। सनातन धर्म कहता है कि कोई व्यक्ति जन्म से पापी नहीं होता। उसके अच्छे-बुरे काम ही उसका भविष्य नियत करते हैं। इसलिए हर व्यक्ति अपने अच्छे चरित्र व व्यवहार से समाज की व्यवस्था को सुधारने और विकास करने का ही संकल्प करे। यही सूत्र छुपे हैं विष्णु के 24 अवतारों में।

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