शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

जय छत्तीसगढ़

नक्सल क्षेत्र में दौड़ेंगी ट्रेनें
रायपुर.देश में सबसे कम रेल कनेक्टिविटी वाला छत्तीसगढ़ भविष्य का सबसे ज्यादा रेल लाइन वाला राज्य कहलाएगा। रेलमंत्री ममता बेनर्जी ने धमतरी से कांकेर के बीच रेल लाइन के सर्वेक्षण को मंजूरी देकर घोर नक्सल क्षेत्रों में रेल विस्तार की संभावनाओं पर मुहर लगा दी है।
राज्य के महाराष्ट्र बार्डर के गढ़चिरौली-वाडसा नई रेलवे लाइन को भी मंजूरी मिल गई है। यहां रेलवे लाइन बनने से रावघाट के रास्ते जगदलपुर से गढ़चिरौली की सीधे रेल संपर्क की संभावनाएं होंगी। धुर नक्सली क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ने का सीधा अर्थ है नक्सली क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं। रायपुर से 84 किमी की धमतरी रेल लाइन का काम इसी साल से जमीनी स्तर पर शुरू हो जाएगा।
3-4 सालों के भीतर इस लाइन में बड़ी ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। धमतरी से कांकेर की दूरी 60 किमी की है। इस रेल लाइन को सर्वेक्षण की मंजूरी मिल गई है। जानकारों का मानना है कि आगामी बजट में इसके निर्माण को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इससे राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों के हर शहर रेलवे के संपर्क में आ जाएंगे।
महाराष्ट्र-छग-आंध्रा के बीच रेल सेवा
आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकारी नियंत्रण की वजह से धीरे-धीरे रेल संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। रेल मंत्रालय ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली-वाडसा रेलवे लाइन के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। यह लाइन अब जल्द ही तैयार होगी। यह बेहद ही घना जंगल क्षेत्र है और इस क्षेत्र में दूर-दूर तक रेलवे लाइन का नामोनिशान नहीं है।
वाडसा से गढ़चिरौली रेलवे लाइन बनने से गढ़चिरौली से रावघाट के लिए भी सीधी रेल सेवा की संभावना बनेगी। यह इसलिए संभव है क्योंकि दल्लीराजहरा से 95 किमी लंबी रावघाट के लिए वर्तमान में रेल लाइन का निर्माण चल रहा है।
रावघाट से 140 किमी लंबी जगदलपुर रेल परियोजना प्रस्तावित है। इसका सर्वेक्षण हो चुका है। अब गढ़चिरौली से रावघाट के लिए करीब 90 किमी के परियोजना पर विचार होता है, तो यह सीधे महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ होते हुए जगदलपुर के रास्ते विशाखापटनम के लिए सीधी सेवा कहलाएगी।
रायपुर-कांकेर की दूरी घटेगी
धमतरी-कांकेर रेल लाइन के बनने से रायपुर से कांकेर के लिए सीधी रेल सेवा होगी। भविष्य में फिर कांकेर से जगदलपुर सीधी रेल लाइन की डिमांड की जा सकती है। इसके प्रस्ताव पर भी रेलवे विचार कर रहा है ताकि रायपुर से धमतरी, कांकेर और वहां से जगदलपुर होते हुए सीधे विशाखापटनम के लिए रेल सेवा उपलब्ध होगी।
ऐसे संभव है बड़ा रेल नेटवर्क
नक्सल इलाकों में सरकार को नक्सली गतिविधियों पर काबू पाना होगा ताकि रेलवे की तमाम परियोजनाओं को हरी झंडी मिल सके। कांकेर से जगदलपुर के लिए लगभग 150 किमी की रेल परियोजना खूबसूरत लाइन बन सकती है। कोकण रेलवे के बाद यह घनी घाटियां और जंगलों से गुजरने वाली अहम रेलवे लाइन कहलाएगी।

महिला हैंडबॉल टीम ने छत्तीसगढ़ को फिर दिलाया सोना
रायपुर/रांची.24वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ महिला हैंडबॉल टीम ने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। छत्तीसगढ़ ने फाइनल में महाराष्ट्र को 33-16 से हराकर खिताब जीता। असम में 2007 में हुए नेशनल गेम्स में भी महिला टीम ने खिताब अपने नाम किया था। इस तरह से राज्य को नेशनल गेम्स में सातवां पदक मिला।
शुक्रवार को रांची के इंडोर स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में माधवी ने मैच का पहला अंक छत्तीसगढ़ को दिलाया। इसके बाद दोनों ही टीमों के बीच अच्छी टक्कर देखने को मिली और हॉफ टाइम तक छत्तीसगढ़ की टीम महाराष्ट्र से 12-9 से आगे थी।
दूसरे हॉफ में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने महाराष्ट्र को वापसी का मौका नहीं दिया और मैच 30-19 से अपने नाम कर लिया। छत्तीसगढ़ की ओर से वेंकट लक्ष्मी ने सर्वाधिक 10 गोल किए। इसके अलावा अनिता राव ने 6 और करिश्मा साहू ने 5 गोल किए।
पेनाल्टी दर पेनाल्टी: छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र दोनों ही टीमों ने फाइनल में आठ-आठ गोल पेनाल्टी से किए। मैच के पहले हॉफ में महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने छह गोल पेनाल्टी से ही किए। जीत के बाद छत्तीसगढ़ टीम की कप्तान अनामिका मुखर्जी ने कहा कि हमें अपने शानदार खेल के दम पर सोना जीता।
201 खिलाड़ी और सात पदक
नेशनल गेम्स में शामिल होने राज्य के 18 खेलों में 201 खिलाड़ी झारखंड पहुंचे थे। इतने बड़े दल से राज्य को केवल सात ही तमगा मिला। क्या खेल संघ और खेल विभाग करोड़ों रुपए खर्च करके केवल सात पदक की ही आशा लगाए बैठा था?
अब जबकि अगले नेशनल गेम्स की मेजबानी छत्तीसगढ़ को करना है तो खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए राज्य खेल संघों को पूरी ताकत झोंकनी होगी, नहीं तो हम पदकों के दोहरे अंक के लिए भी तरस जाएंगे।

250 शराब दुकानें बंद होंगी
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने बजट भाषण में प्रदेश की 250 शराब दुकानों को बंद करने का ऐलान किया। वर्तमान में 1000 शराब दुकानें हैं। सीएम डॉ. सिंह ने बताया कि इससे सरकार को 100 करोड़ रुपए का घाटा होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को नशा मुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके तहत 2000 से कम आबादी वाले 250 गांवों में स्थित देशी और विदेशी शराब दुकानों को बंद किया जाएगा। इसके बाद इसे और विस्तारित किया जाएगा।
सरकार प्रदेश में पूर्णत: शराबबंदी चाहती है। 1 अप्रैल 2011 से ये दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इनसे होने वाली राजस्व हानि की पूर्ति दूसरे मदों से कर ली जाएगी। यह एक बड़ा क्रांतिकारी कदम है। सरकार प्रदेश की जनता को नशामुक्त रखना चाह रही है।

राजधानी को मिली कई सौगात
राजधानी रायपुर को प्रदेश के बजट में खास तवज्जो दी गई है। रायपुर में केंद्रीय ग्रंथालय खोलने की घोषणा की गई। बजट में रायपुर में सह शिक्षा पॉलीटेक्निक खोलने के लिए भी प्रावधान किया गया है। रायपुर मेडिकल कालेज में उपकरण खरीदने के लिए 49 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने नगर निगम को भी भारी राशि दी है। 10 नगर निगमों को मूलभूत सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100 करोड़ रुपए एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा। जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत रायपुर में जल प्रदाय योजना के लिए 245 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। रायपुर सहित 10 नगरों में नजूल भूमि के हवाई सर्वे के लिए 2.32 लाख रुपए रखे गए हैं।
नई राजधानी के लिए मिली राशि
नई राजधानी में विकास के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। नया रायपुर में अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिसिटी और सिवरेज प्रोजेक्ट के लिए 64 लाख रुपए दिए गए हैं। नई राजधानी में रेल लाइन और रेलवे स्टेशनों के निर्माण के लिए 10 लाख रुपए रखे गए हैं। नई राजधानी में सरकारी कर्मचारियों के आवासीय भवनों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों के भवन निर्माण के लिए 137 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

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