गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

क्यों पहनते हैं सोने के कंगन?

खनखन करती चुडिय़ां किसी भी महिला की खूबसूरती को और ज्यादा बड़ा देती है।चुडिय़ां और कंगन नारी श्रंगार का एक अभिन्न हिस्सा है। महिलाएं तरह-तरह की चुडिय़ों की शौकिन होती हैं। लाख, कांच से लेकर सोने-चांदी और हीरे जड़े कंगन तक। कभी गौर किया है आखिर ये चुडिय़ां पहनी क्यों जाती थीं? क्या ये श्रंगार का ही एक हिस्सा हैं या फिर कुछ और कारण भी है? पुरातन काल से नारी श्रंगार में आभूषण प्रमुख थे। सभी आभूषण सोने या चांदी के होते थे। सोने या चांदी के भारी कंगन और कड़े पहने जाने का रिवाज था। इसके पीछे मूल कारण था महिलाओं का कमजोर होना।
चिकित्सकीय दृष्टि से देखें तो महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने के अलावा कई बीमारियां घेरने लग जाती हैं। सोने और चांदी के कड़े हड्डियों को मजबूत करते थे और लगातार घर्षण से इन धातुओं के गुण भी शरीर को मिलते थे, जिससे महिलाओं को आरोग्य मिलता था तथा अधिक उम्र में भी वे स्वस्थ्य रहती थीं। इसके पीछे एक और कारण यह भी था। वह यह कि सभी की जिंदगी में उतार -चढ़ाव आते हैं। उस बुरे समय ये गहने आर्थिक सहारा भी देते हैं इसीलिए हमारे यहां सोने के कंगन पहनने की परंपरा बनाई गई है।

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