सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

क्यों ना खाएं किसी का झूठा?

खाना या भोजन हमारे जीवन की सबसे आवश्यक जरुरतों में से एक है। खाना ही हमारे शरीर को जीने की शक्ति प्रदान करता है। हम सभी दिन में कम से कम दो बार भोजन या नाश्ता जरूर करते हैं। अधिकांश लोग ऑफिस में या कॉलेज में अपने मित्रों के साथ भोजन करते हैं। एक साथ बैठकर भोजन करने को बहुत अच्छा माना गया है क्योंकि इससे प्रेम बढ़ता है।वहीं इस संबंध में आपने हमेशा अपने बढ़े- बूजुर्गो को यह कहते भी सुना होगा कि हमें किसी का झूठा नहीं खाना चाहिए।
दरअसल इसका कारण यह है कि हर व्यक्ति का भोजन करने का तरीका अलग होता है। कुछ लोग भोजन करने से पहले हाथ नहीं धोते हैं जिसके कारण उनका झूठा खाने वाले को भी संक्रमण हो सकता है। यदि कोई बीमार हो या उसे किसी तरह का संक्रमण हो तो उसका झूठा खाने से आप भी उस संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि आप जिस व्यक्ति का झूठा खाते हैं उसके विचार नकारात्मक हैं तो वे विचार आपकी सोच को भी प्रभावित करते हैं।

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