रविवार, 6 मार्च 2011

खिड़की पर परदा कब और क्यों डालकर रखें?

काफी लोग घर बनवाते समय जल्दबाजी में वास्तु के नियमों का ध्यान नहीं रखते और घर में कई वास्तुदोष रह जाते हैं। इन वास्तुदोषों के कारण अक्सर कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

वास्तुदोष का निवारण न होने पर घर में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है जिससे परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के साथ-साथ धन की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। इनसे बचने के लिए वास्तुशास्त्र में कई टिप्स बताई गई हैं।
वास्तु शास्त्र सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांत पर कार्य करता है। यदि घर में या घर के आस-पास कोई ऐसी वस्तु हो जिससे नकारात्मक ऊर्जा निकलती हो तो यह गंभीर वास्तुदोष की श्रेणी में आता है। ऐसे दोषों को दूर किया जा सकता है। यदि आपके घर की किसी खिड़की से सूखा पेड़ दिखाई देता है तो यह नेगेटिव एनर्जी को बढ़ाता है। यदि खिड़की से कोई पुराना खंडहर जैसा घर दिखाई देता है तो यह भी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता ही है अत: खिड़की को बंद करके रखें। खिड़की से किसी फैक्ट्री से निकलता धुआं, वाहनों से निकलने वाला धुआं, धूल-मिट्टी आदि भी दिखाई देना वास्तुदोष ही है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। वैसे भी धुआं और धूल-मिट्टी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह सभी जानते हैं। इससे पैदा होने वाले वास्तुदोष से बचने के लिए खिड़की पर हमेशा परदा डालकर रखना चाहिए या संभव हो तो उस खिड़की को बंद ही रखें। साथ ही यदि आपका घर मेन रोड पर है जहां से निकलने वाले लोगों को खिड़की से आपके घर के अंदर का दृश्य दिखाई देता है तब भी परदा डालकर रखना काफी जरूरी है। इससे आपका परिवार बुरी नजर से बचा रहेगा।
(www.bhaskar.com)

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