रविवार, 17 अप्रैल 2011

तो श्री हनुमान को इस मंत्र से चढ़ाएं सिंदूर

हनुमान जयंती (18 अप्रैल) यानी श्री हनुमान के जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर हनुमान उपासना मन, शरीर और विचार को बलवान बनाने के साथ-साथ पावन भी बनाती है, जिससे जीवन और कार्य के प्रति सत्य व समर्पण की भावना भी मजबूत होती है।
अगर आप भी सफलता और सुख की हर चाहत को पूरा करना चाहते हैं, किंतु कलह से भरे अशांत जीवन से बेचैन हैं तो यहां बताई जा रहे हनुमान उपासना के इन सरल उपायों को अपनाएं -

- हनुमान जयंती, मंगलवार या शनिवार के दिन तन, मन, वचन से पूरी पवित्रता के साथ घर या देवालय में श्री हनुमान की पूजा करें।
- श्री हनुमान की पूजा में कुमकुम, अक्षत, फूल, नारियल, लाल वस्त्र और लाल लंगोट के साथ ही विशेष रूप से सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाने का महत्व है।
- श्री हनुमान की ऐसी प्रतिमा जिस पर सिंदूर का चोला चढ़ा हो, पर पवित्र जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण कर इस विशेष मंत्र से थोड़ा सा चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा तेल लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें -

सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
- श्री हनुमान चालीसा पाठ करें या सुनें। इसके बाद गुग्गल धूप व तेल के दीप से श्री हनुमान की आरती करें व दु:खों की मार से रक्षा की प्रार्थना करें।
श्री हनुमान की ऐसी उपासना नियमित रूप से भी करें तो शांत मन से पैदा ईश्वर व खुद के प्रति विश्वास व्यावहारिक रूप से आपके तनाव को दूर करेगा।

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