मंगलवार, 10 मई 2011

भगवान को ऐसा व्यक्ति ही सर्वाधिक पसंद है

हर व्यक्ति का कोई न कोई सपना अवश्य होता है। अपने सपने को हकीकत में बदलने या मंजिल को हांसिल करने के लिये इंसान हर कोशिश करता है। इंसान ऐसी कोई भी कसर या कमी छोडऩा नहीं चाहता जो आगे चलकर उसकी सफलता में रोड़ा बन जाए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि संयोग या दुर्भाग्य से एक के बाद एक कई रुकावटें या बाधाएं आती ही जाती हैं। यहां तक कि अच्छे काम को करने में तो और भी ज्यादा रुकावटे आती हैं। लेकिन इंसान यदि सच्चा है और भगवान की नजरों में योग्य है तो उस इंसान की सारी बाधाएं या कठिनाइयां अपने आप ही दूर हो जाती हैं। आइये चलते हैं ऐसी ही एक कहानी में जो हमें बहुत कीमती सबक सिखाती है........

एक बार एक व्यक्ति भगवान को देने के लिये तलवार और राजमुकुट का उपहार लेकर गया। वह भगवान से एकांत में मिलना चाहता था। लेकिन द्वारपालों ने उसे बाहर ही रोक दिया और मिलने का कारण पूछा। उस व्यक्ति ने तलवार और मुकुट का उपहार देने की बात बताई। लेकिन द्वरापालों ने यह कहकर उसे अंदर जाने से रोक दिया कि भगवान को तुम्हारे इन उपहारों की कोई आवश्यकता ही नहीं है। भगवान का कोई शत्रु नहीं है, इसलिये उन्हें इस तलवार से क्या काम? तथा मुकुट तो धरती के छोटे-छोटे राजा लोग लगाते हैं, भगवान तो इस पूरे ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं, मालिक हैं उन्हें मुकुट से क्या लेना-देना। यह चर्चा चल ही रही थी कि पास में ही एक बूढ़ा आदमी अचानक ठोकर खाकर गिर गया। उसे देखते ही वह व्यक्ति बात करना बंद करके तुरंत उस बूढ़े को सहारा देकर उठाने के लिये दोड़ा। बूढ़े व्यक्ति की हालत देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उसकी आवश्यक मदद करने के बाद जब वह लोटा तो उसने देखा कि रास्ता रोकने वाले द्वारपाल अब वहां से जा चुके थे। अब वह बगैर किसी रुकावट के सीधा भगवान से मिलने जा सकता था।
........शायद उस बूढ़े के रूप में भगवान उस व्यक्ति की परीक्षा ले रहा था। उस व्यक्ति के मन में ओरों के लिये दया और करुणा की भावना थी इसीलिये वह परीक्षा में उत्तीर्ण हो सका।
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