तुलसी का पौधा कितना अनमोल है, यह इसी बात से पता चल जाता है कि इसे गुणों को देखकर इसे भगवान की तरह पूजा जाता है। यूं तो आज हर आदमी को किसी न किसी बीमारी ने अपने कब्जे में कर रखा है। लेकिन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो लाइलाज कही जाती है।
अभी तक इस बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। आज यह बीमारी तेजी से फैल रही है। वैसे तो कैंसर का कोई परमानेंट इलाज नहीं है लेकिन फिर भी आर्युवेद ने तुलसी को कैंसर से लडऩे का एक बड़ा तरीका बताया है।
आर्युवेद में बताया गया है कि तुलसी की पत्तियों के रोजाना प्रयोग से केंसर से लड़ा जा सकता है। और इसके लगातार प्रयोग से कैंसर खत्म भी हो सकता है।
- कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी अगर तुलसी के बीस पत्ते थोड़ा कुचलकर रोज पानी के साथ निगले तो इसे जड़ से खत्म भी किया जा सकता है।
-तुलसी के बीस पच्चीस पत्ते पीसकर एक बड़ी कटोरी दही या एक गिलास छाछ में मथकर सुबह और शाम पीएं कैंसर रोग में बहुत फायदेमंद होता है।
केंसर मरीज के लिए विशेष आहार
अंगूर का रस, अनार का रस, पेठे का रस, नारियल का पानी, जौ का पानी, छाछ, मेथी का रस, आंवला, लहसुन, नीम की पत्तियां, बथुआ, गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, पालक और नारियल का पानी।
अभी तक इस बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। आज यह बीमारी तेजी से फैल रही है। वैसे तो कैंसर का कोई परमानेंट इलाज नहीं है लेकिन फिर भी आर्युवेद ने तुलसी को कैंसर से लडऩे का एक बड़ा तरीका बताया है।
आर्युवेद में बताया गया है कि तुलसी की पत्तियों के रोजाना प्रयोग से केंसर से लड़ा जा सकता है। और इसके लगातार प्रयोग से कैंसर खत्म भी हो सकता है।
- कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी अगर तुलसी के बीस पत्ते थोड़ा कुचलकर रोज पानी के साथ निगले तो इसे जड़ से खत्म भी किया जा सकता है।
-तुलसी के बीस पच्चीस पत्ते पीसकर एक बड़ी कटोरी दही या एक गिलास छाछ में मथकर सुबह और शाम पीएं कैंसर रोग में बहुत फायदेमंद होता है।
केंसर मरीज के लिए विशेष आहार
अंगूर का रस, अनार का रस, पेठे का रस, नारियल का पानी, जौ का पानी, छाछ, मेथी का रस, आंवला, लहसुन, नीम की पत्तियां, बथुआ, गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, पालक और नारियल का पानी।
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