बुधवार, 27 जुलाई 2011

क्यों शिवजी को पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए मेंहदी?

शिव को देवों के देव यानी महादेव माना गया है। कहते हैं शिव के पूजन से मनोकामना बहुत जल्दी पूरी होती है। वैसे तो भगवान शिव के पूजन की अनेकानेक विधियां हैं।इनमें से प्रत्येक अपने आप में पूर्ण है और आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विधि से पूजन या साधना कर सकते हैं।भगवान शिव क्षिप्रप्रसादी देवता हैं,अर्थात सहजता से वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उनके पूजन की विधि भी उतनी ही सरल है। शिव मात्र एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं तथा अपने भक्तों का उद्धार करते हैं। लेकिन भोलेनाथ को पूजा में मेंहदी नहीं चढ़ाई जाती।
दरअसल इससे जुड़ी एक कथा के अनुसार मेंहदी का पौधा कामधेनु के रक्त से उत्पन्न माना जाता है। इसीलिए पूजा में शिवजी को मेंहदी नहीं चढ़ाई जाती है। उस कथा के अनुसार जमदग्रि ऋषि के पास कामधेनु गाय थी। जिसे सहस्त्रार्जुन ने आश्रम से ले जाना चाहा और उसने इसी कोशिश में कामधेनु को कुछ तीर मारे और जब उन तीरों से घायल कामधेनु का रक्त जमीन पर गिरा तो मेंहदी का पौधा उत्पन्न हुआ। इसीलिए हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार शिवजी को मेंहदी नहीं चढ़ाई जाती।
www.bhaskar.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें